मौजूदा कोरोना संकट दूसरे सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय संकटों को लाने वाले ज़रियो का ही विस्तार है वास्तव में यह एक तरह के मानक पर दूसरे को प्राथमिकता देने से जुड़ा हुआ है इस महामारी से निपटने में दुनिया की सोच तय करने में इसी आधार की बड़ी भूमिका है ऐसे में जैसे जैसे इस वायरस को लेकर दुनिया की धारणा बन रही है उसे देखते हुए यह सोचना जरूरी है कि हमारा आर्थिक भविष्य क्या शक्ल लेगा? वहीं दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली के सभी जिले रेड जोन में शामिल है लेकिन सरकार ने शराब की दुकानों को सोमवार से खोल दिया इसका परिणाम बहुत ही बुरा होगा दोस्तों सुबह-सुबह ही मैं देखा सोशल मीडिया पर कई सारे शराब की दुकानों के पास का भीड़ इकट्ठी तस्वीरें वायरल हो रही है जोकि लॉकडाउन का बहुत ही दर्दनाक मजाक है एक तरफ दोस्तों दिल्ली में रोज सैकड़ों पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अपनी कमाई के चक्कर में देशवासियों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है वहीं केरला सरकार ने अभी शराब की दुकानों को खोलने का फैसला नहीं लिया है कुछ सीखने की जरूरत है केरला से भी क्या दिल्ली व देश की अर्थव्यवस्था अब शराबियों व नशेड़ीयो के सहारे चलाई जाएगी? शराब व सिगरेट बीड़ी की दुकान खोलते ही एक मजाक बन गया है लॉकडाउन दोस्तों हम सब जानते हैं कि मध्यमवर्ग और जो लोग कुआं रोज खोदते हैं रोज पानी पीते हैं उनकी हालात इस वैश्विक महामारी में पहले ही बहुत बुरी हो चुकी हैं अब शराब की दुकानें खुल जाने से यह अपने ही घर के कीमती वस्तुएं जेवरात और कर्ज लेकर शराब पिएंगे जो कल तक बच्चों के दूध किसी तरह आते थे वह भी बंद हो जाएगा और छोटा बच्चा भूखे मरेगा इस फैसले पर सरकार को तत्काल रोक लगाने की जरूरत है मैं जब से होश संभाला हूं तंबाकू गुटका और शराब अपने भारत देश से ही हमेशा के लिए बंद करने के लिए कई बार आंदोलन किया कई राष्ट्रीय टीवी पर भी मैंने आवाज उठाया राज्यसभा टीवी पर कई बार मैंने आवाज उठाया कि जैसे बिहार और मिजोरम की तरह पूरे देश में तंबाकू शराब को बंद किया जाए बिहार में कई घर बर्बाद होते हुए अपनी आंखों से देखा शराब के पीने के ही कारण अपने घर में हिंसा करते हुए शराबियों को देखा इसलिए मैं रोड पर उतर कर आंदोलन किया आज बिहार और मिजोरम में कानूनी रूप से शराब तो बंद है वैसे ही दोस्तों पूरे देश में बंद करने की जरूरत है अभी पिछले दिन ही महिला आयोग का रिपोर्ट आया था कि लॉकडाउन के कारण घरों में होने से हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है वहीं जब शराब परोसा जाएगा तब फिर हालात क्या होगा यह सोचने की जरूरत है l आखिर क्यों जब सारा फोकस पूरे दुनिया का कोबिड -19 के खिलाफ चल रही जंग पर होना चाहिए और हमें इस महामारी से लड़ रहे मेडिकल स्टाफ व किसान और देश के जनता के बारे में सोचना चाहिए तब सरकार इस जल्दबाजी में है कि कैसे शराब की फैक्ट्रियां शुरू की जाए और कर भी दिया गया दिल्ली के अलग-अलग जगहों से जो तस्वीरें देखने को है काफी चिंताजनक है इस पर तत्काल भारत सरकार को सोचने की जरूरत है नहीं तो अनर्थ हो जाएगा
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