Thursday, April 16, 2020

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के इस दौर में गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और समाजसेवी संगठन हजारों गरीब और वंचित लोगों को खाना उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन संगठनों को खाद्यान्न की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एफसीआई को ई-निविदा प्रक्रिया के बिना ही मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) की दरों पर ऐसे संगठनों को गेहूं और चावल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। अभी तक राज्य सरकारों और रोलर फ्लोर मिल जैसे पंजीकृत थोक खरीदारों को ही ओएमएसएस दरों के अंतर्गत एफसीआई से खाद्यान्न खरीदने की अनुमति दी गई थी। ये संगठन पहले से निर्धारित मूल्य पर एफसीआई से 1 से 10 एमटी तक की खरीद कर सकते हैं।



एफसीआई के पास देश में 2000 से ज्यादा गोदामों का नेटवर्क है और गोदामों के ऐसे बड़े नेटवर्क से इस मुश्किल भरे दौर में इन संगठनों को खाद्यान्न की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे देश में गरीबों और राहत शिविरों प्रवासी कामगारों को भोजन उपलब्ध कराने के अपने परोपकारी कार्य को पूरा करने में सहायता मिलेगी। इन संस्थानों द्वारा उठाए गए खाद्यान्न का विवरण संबंधित क्षेत्रों के डीएम को उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे खाद्यान्न का सही उद्देश्य के लिए उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा। देश भर में खाद्यान्न की तेज ढुलाई बरकरार रखने के लिए एफसीआई ने लॉकडाउन की शुरुआत से अब तक 2.2 मिलियन टन खाद्यान्न भेज चुका है। पीएमजीकेएवाई योजना के अंतर्गत मुफ्त वितरण के लिए राज्य सरकारों को 1 मिलियन टन खाद्यान्न पहले ही दिया जा चुका है।


एफसीआई 24.03.2020 से अभी तक राज्य सरकारों की जरूरतें पूरी करने के लिए नियमित एनएफएसए आवंटन के अंतर्गत उनको लगभग 3.2 मिलियन टन खाद्यान्न की आपूर्ति भी की गई है। देश के प्रत्येक राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों में खाद्यान्न के भंडार की स्थिति की करीब से निगरानी की जा रही है और सुनिश्चित किया गया है कि सभी स्थानों पर भंडार की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। 07.04.2020 तक एफसीआई के पास 54.42 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) खाद्यान्न (30.62 एमएमटी चावल और 23.80 एमएमटी गेहूं) का भंडार है। पीडीएस और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही कीमतों में बढ़ोतरी की स्थिति से बचने के लिए एफसीआई खुले बाजार में पर्याप्त आपूर्ति भी सुनिश्चित कर रही है। इसके साथ ही आपूर्ति और कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए संबंधित डीएम/ डीसी की सिफारिशों के आधार पर ओएमएसएस के अंतर्गत नियमित रूप से सीधे राज्य सरकारों को चावल और फ्लोर मिलों को गेहूं की आपूर्ति की जा रही है। अभी तक 1.45 एलएमटी गेहूं और 1.33 एलएमटी चावल की आपूर्ति की जा चुकी है। लॉकडाउन के दौरान देश में खाद्यान की स्थिर और नियमित आपूर्ति बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।




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