महामारी से निपटने में सहयोग के लिए इसने अगले वित्त वर्ष में 70 करोड़ रुपये का एक और योगदान करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस तरह से पावरग्रिड का कुल योगदान 200 करोड़ रुपये का होगा, जो उस 925 करोड़ रुपये की धनराशि का हिस्सा होगा, जिसे विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाले सभी सीपीएसई द्वारा देने की घोषणा की गई है। पावरग्रिड के कर्मचारी भी इसके लिए अपने वेतन का एक हिस्सा दे रहे हैं। पावरग्रिड ने ऐसे मुश्किल समय में जरूरतमंदों की मदद के लिए मलिन बस्तियों में खाने के पैकेट का वितरण भी किया है। देश के सभी पावरग्रिड सब-स्टेशनों में ट्रांसमिशन/निर्माण स्थलों पर काम करने वाले श्रमिकों और संविदा कर्मियों को भी मास्क, साबुन, सैनिटाइजर, पैकेट में खाने के सामान, किराने के सामान और चिकित्सकीय मदद मुहैया कराई जा रही है।
कोविड-19 के प्रकोप के कारण तैयारियों के एक हिस्से के रूप में, बिना किसी रुकावट के बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश के सभी सब-स्टेशनों को संचालित करने के लिए एक बैकअप प्लान तैयार किया गया है।
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