*प्रदुम दीक्षित जिला संवाददाता लखनऊ दैनिक अयोध्या टाइम्स* पूरे विश्व में अपनी दहशत का डंका बजाने वाली कोरोना वायरस जैसी भयानक महामारी भारत में भी पांव पसार रही है जिसके चलते आम जनमानस की सुरक्षा को दृष्टिगत ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने पूरे भारत में लॉक डाउन की घोषणा की इस लॉक डाउन के दौरान जो लोग नशे के आदी हैं उनको काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है एक सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 28 फ़ीसदी लोग नशे के आदी हैं जिनमें से 5 लाख से अधिक लोग लखनऊ शहर में नशा करते हैं
नशा...नाश की जड़ है, फिर चाहे वह गुटखा, तंबाकू खाने का शौक हो या फिर शराब पीने का। एक बार जो इसकी गिरफ्त में आ जाता है, छोडऩा बहुत मुश्किल होता है, लेकिन यह मुश्किल काम भी दृढ़ इच्छा शक्ति और सही मार्ग दर्शन से पूरा किया जा सकता है। यह कहना है नशा मुक्त उन्मूलन की संस्था एल्कोहल एनानिमस से जुड़े साथ ही जीवन किरण हास्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर हिमांशु मिश्रा का है। उक्त चिकित्सालय ने अभी तक उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के हजारों युवाओं को नशे की गिरफ्त से दूर करा चुके हैं।
नशा मुक्ति के लिए हिमांशु मिश्रा मुहिम के अलावा व्यक्तिगत तौर पर भी काम करते हैं। फ्री समय में श्री मिश्रा को जब भी, जहां भी मौका मिलता है, नशा मुक्ति की बात शुरू कर देते हैं। हिमांशु मिश्रा नशे को एक सामाजिक बुराई मानते हैं। उनका कहना है कि सामाजिक बुराई को समाज से दूर करना है तो इसके दुपरिणाम युवाओं को बताने होंगे। यदि युवा जागरूक होंगे तो कोई भी सामाजिक बुराई ज्यादा दिन तक अपना असर नहीं दिखा सकती है।
नशे की गिरफ्त से आए चक्कर, छोड़ दिया नशा मिश्रा ने नशा मुक्ति का अलख खुद के अनुभवों के आधार पर शुरू किया है। उन्होंने बताया कि करीब 18 साल पुरानी बात है, जब मिश्रा ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर नशा करना शुरू किया। एक बार नशे का सामान न मिलने कुछ परेशानियां आईं यही नही हिमांशु मिश्रा को चक्कर आए और वह जमीन पर गिर पड़े। कुछ देर बाद होश आया तो उन्होंने देखा कि चारों तरफ उनके दोस्त खड़े हुए हैं। यह बात उन्हें अच्छी नहीं लगी और तभी से ठान लिया कि वह न तो नशा करेंगे और न ही दूसरों को करने देंगे। तभी से श्री मिश्रा में नशा मुक्ति के लिए काम कर रहे हैं।
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