उदय प्रकाश मिश्रा,अंकित गुप्ता,गया बख्श दूबे
दैनिक अयोध्या टाइम्स न्यूज संवाददाता कुड़वार सुलतानपुर
कुड़वार/सुल्तानपुर...
भाइयों अभी तक आपने न ऐसी साफ-सुथरी हवा पिछले कई दशकों में जिले की थी न ही ऐसा मनमोहक नीला आकाश था। तमाम सरकारी गैर सरकारी कोशिशें भी वह नहीं कर सकीं जिसे कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन ने कर दिखाया।
लॉकडाउन का सीधा असर चाहे-अनचाहे पर्यावरण पर पड़ा है। सिर्फ 20 दिन में जिले की आबोहवा साफ-सुथरी हो गई है।कारखानों व वाहनों आदि के नहीं चलने से पीएम 2.5 घटकर 40.2 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर पर आ गया है, जबकि इसके साथ ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का ग्राफ भी नीचे गिर गया है।
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से किए गए 21 दिन के लॉकडाउन का असर सीधे पर्यावरण पर पड़ा है।जिले की दूषित हो चुकी हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई थी। पर्यावरण विभाग के साथ जिले के चिकित्सक भी खासकर दमा जैसे मरीजों के लिए हवा ठीक नहीं बता रहे थे। इसमें फोरलेन का निर्माण और बाधक बन रहा था।मानकों के हिसाब से निर्माण कार्य नहीं होने से हवा और जहरीली होती जा रही थी। पर्यावरण विभाग की ओर से मार्च माह में जारी हवा के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं.के.एन.आई.पी.एस.एस.के पर्यावरण विभाग के मुताबिक 23 मार्च को जिले का पीएम 2.5 बढ़कर 76.1 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर हो गया था।
इसके साथ ही एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 145 पर पहुंच गया था। हवा की यह स्थिति खासकर रोगियों के लिए खतरनाक स्तर पर पहुंच गई थी। 25 मार्च से लॉकडाउन शुरू हो जाने से कारखाने व वाहनों का आवागमन बंद हुआ तो जिले की आबोहवा में लगातार सुधार आया है।के.एन.आई.पी.एस.एस.के पर्यावरण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक रविवार को जिले का पीएम 2.5 घटकर 40.2 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही एक्यूआई घटकर 112 पर आ गया है।
पर्यावरण विभाग के मुताबिक पीएम 2.5 में करीब 26 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर की गिरावट आने से हवा में कणों की मौजूदगी सामान्य से कम हो गई है। कणों की मौजूदगी सामान्य से कम होने पर हवा सांस लेने लायक हो गई है। के.एन.आई.पी.एस.एस.के पर्यावरण विभाग के मुताबिक वर्षों बाद जिले की हवा में ऐसा सुधार आया है।
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