Thursday, April 9, 2020

जीवन में समझौता का महत्व

मनुष्य का जीवन शायद समझौता के लिए ही बना जिसे हर कदम पर करना ही होता है चाहे वह प्रकृति हो अथवा दैनिक जीवन रिश्ते कैरियर या देश विदेश की बातें बिना समझौता कुछ भी नहीं।

प्रकृति-आये दिन हमलोगो को प्रकृति से समझौता करना होता है जैसे बहुत जरूरी काम हो और आंधी आ जाय तो हम रूक जाते हैं अर्थात समझौता करते हैं प्रकृति के साथ संवाद करते है अपने आप से कि रूकने के बाद ही जाऊँगा।

दैनिक जीवन- में भी कई बार बहुत से कार्य ऐसे होते है जिनके लिए हमें समझौते करने पडते है जैसे गर्मी के दिनो में बिजली का जाना पडोस मे है पर पोल से खराब हो जाना आदि कई ऐसे उदाहरण मिल जाएँगे।

रिश्ते-रिश्ते निभाने के लिए तो हर कदम समझौते कि जरूरत होती है चाहे वह कोई भी रिश्ता हो।

कैरियर बनाने के लिए भी समझौता को अहम माना गया है क्योंकि आप जो भी समझौता करते है वही आप रोज करते है जिससे आप सफल होते है सफलता का राज ही समझौता है।

देश विदेश के सम्बन्ध की नींव भी समझौते पर ही रखी जाती है जितनी समझौते और संवाद होंगे संबंध प्रगाढ होगा और वैश्विक मधुरता कायम रहेगी उदाहरण के तौर पर पाक को लीजिए समझौता और संवाद बंद है तो कितनी कड़वाहट है ।ये सभी चीजे दोनो तरफ के सहयोग से ही हो सकती है ।

कईबार तो भूख से भी समझौता करना होता है जिनके पास गरीबी और तंगी होता है।इसलिए समझौता हर कदम है हर पल है इससे कभी भागना नही चाहिए।

बीमारी के भय के बीच लाखो लोगो का पलायन भी वक्त के साथ समझौता ही था जो लोगो को एक शहर से दूसरे शहर वो भी पाँव पैदल आने को विवश कर दिया। कितना हृदय विदारक और वक्त  को कोसने वाला था? अब यह और भी भयावह हो गया जब घर आये तो भूख और हालात दोनो हावी हैं।

रोज मर्रे के कामगार को आखिर न तो कोई काम है और न ही खाने को दाने, बाहर बंदी कैसे चलेगा यह जीवन ? आखिर सरकार घर-घर तो नही पहुँच सकती ?  थोड़े बहुत मदद मिल जाने से क्या संम्पूर्ण व्यवस्था हो जाएगी की वो महीने बीस दिन खा सके ? बड़ा हृदय विदारक स्थिति है। सारे दुकान वाले,  चालक,  रिक्शा चालक, आटो चालक, पुटपाथ दुकानदार,  ट्रेनो मे बेचने वाले,  फल वाले,  सब्जी वाले,  तमाम छोटे मझोले व्यवसाय करने वाले की स्थिति अब भयावह हो चुकी है। बाहर बीमारी है तो अन्दर भूख और जरूरत कहाँ जायें?  ऐसी परिस्थितियाँ शायद आज से पहले कभी नही हुआ । लेकिन फिर भी वक्त के साथ समझौता करना मजबूरी है।

                                   आशुतोष

                                 पटना बिहार

 

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