Sunday, April 12, 2020

हनुमान जी' का यह मंदिर जहा पर परिक्रमा करने से पूरी होती हैं 'सारी कामनाए




*पुष्पेंद्र सिंह ब्यूरो चीफ दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ*

*सपने में आये प्रभु ,  मांगी थी अनुमति, यहाँ रहने की*

लखनऊ , बालागंज निकट टीवी टावर हरदोई रोड स्थित श्री वरदानी हनुमान मंदिर आस्था का प्रमुख केन्द्र है। 'वरदानी बाबा' के नाम से मशहूर बाल हनुमान की मूर्ति स्थापना 28 जनवरी, 1984 ई० को बसंतपंचमी के दिन वशिष्ठ कुण्ड, गोकुल भवन, अयोध्या के प्रसिद्ध संत श्री श्री 1008 परमहंस श्री राम मंगल दास महाराज द्वारा की गई थी। इसीलिए प्रत्येक वर्ष बसंतपंचमी के दिन स्थापना जयंती का विशेष आयोजन होता है जिसमें क्षेत्र के लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। 

*ग्यारह परिक्रमा करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं*

मंदिर के प्रधान पुजारी- रामजी ने बताया कि ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगलवार को विशाल भण्डारा होता है। इसके अतिरिक्त साल में प्रत्येक मंगलवार को सुंदरकांड का नियमित पाठ होता है जिसमें दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर वरदानी बाबा का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं।

सपने में आये प्रभु ,  मांगी थी अनुमति, यहाँ रहने की*

 

मंदिर स्थापना के समय का किस्सा भी बड़ा रोचक है। कहते हैं कि राम मंगल दास जी महाराज जब इस स्थान से गुजरे तो हनुमान  ने स्वप्न में आकर उनसे कहा , "यह स्थान हमें बड़ा प्रिय है। हम बाल रूप में यहाँ रहना चाहते हैं।  हनुमान  की इच्छा को उनकी आज्ञा मानकर  राम मंगल दास  महाराज ने मूर्ति-स्थापना व विधिवत् प्राणप्रतिष्ठा की तथा अपने शिष्य 108 श्री अंगिरादास जी महाराज को निच्य पूजन का दायित्व सौंपकर अयोध्या चले गए। 

  

मंदिर निर्माण में 36, गोलागंज, लखनऊ निवासी अस्थि शल्य विशेषज्ञ डॉ ए एन श्रीवास्तव व उनकी धर्मपत्नी  विनोदनी श्रीवास्तव का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।श्रद्धालु भक्तों की मान्यता है कि वरदानी बाबा की ग्यारह परिक्रमा करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। भारी संख्या में आस पास के श्रद्धालु प्रतिदिन मंदिर में परिक्रमा करने और माथा टेकने आते हैं।


 

 



 

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