योगदान के तहत एनसीसी कैडेटों के लिए निर्धारित कार्यों में , हेल्पलाइन / कॉल सेंटर का प्रबंधन; राहत सामग्री / दवाओं / खाद्य / आवश्यक वस्तुओं का वितरण; सामुदायिक सहायता; डेटा प्रबंधन और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए कतार में खडे होने की व्यवस्था करना तथा यातायात प्रबंधन शामिल है। दिशानिर्देशों के अनुसार, कैडेटों को कानून और व्यवस्था की स्थिति से निपटने, सक्रिय सैन्य ड्यूटियों तथा कोरोना के हॉट स्पाट बन चुके स्थानों पर तैनात नहीं किया जा सकता है।
दिशानिर्देशों के अनुसार अस्थायी रोजगार की व्यवस्था के तहत केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मंडल कैडट ही नियुक्त किए जा सकते हैं। उन्हें स्थायी प्रशिक्षक स्टाफ या एक एसोसिएट एनसीसी अधिकारी की देखरेख में आठ से 20 छोटे समूहों में नियोजित किया जाना चाहिए।
स्वैच्छिक सेवा देने के इच्छुक ऐसे कैडेटों की नियुक्ति के लिए, राज्य सरकारों / जिला प्रशासन को राज्य एनसीसी निदेशालयों के माध्यम से अपनी आवश्यकताऐं प्रेषित करनी होंगी। इसका विवरण एनसीसी निदेशालय / समूह मुख्यालय / इकाई स्तर पर राज्य सरकार / स्थानीय नागरिक प्राधिकरण के साथ समन्वित किया जाएगा। कैडेटों को ड्यूटी पर तैनात करने से पहले , जमीनी हालात और निर्धारित आवश्यकताओं को सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।
रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत एनसीसी देश का सबसे बड़ा वर्दीवाला युवा संगठन है जो विभिन्न तरत की सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास की गतिविधियां संचालित करता है। एनसीसी के कैडेट अपने संगठन की स्थापना के समय से ही बाढ़ और चक्रवात आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राष्ट्र सेव में योगदान देते रहे हैं।
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