Friday, April 3, 2020

45 खरीद केंद्रों पर गेहूं खरीदने की तैयारियां पूरी






हमीरपुर।एक अप्रैल से जिले में 45 गेहूं खरीद केंद्रों पर शुरू होने वाली गेहूं की खरीद इस साल कोरोना महामारी के चलते शुरू नहीं हो सकी है।हालांकि इस बार पिछले साल की तुलना में जनपद मे दो खरीद केंद्र अधिक बनाए गए हैं और इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य भी पिछले साल की तुलना में अधिक है।पिछले साल पूरे जनपद में 43 गेहूं खरीद केंद्रों पर 9586 किसानों का 43405मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था जो सरकार के लक्ष्य 32,700 मीट्रिक टन से बहुत अधिक था।जिसके लिए सरकार ने 75,56,72000₹(पछत्तर करोड़, छप्पन लाख,बहत्तर हजार रुपये का भुगतान किया गया है।जो सीधा किसानों के खाते में चेक द्वारा डाला गया था।वहीं इस साल 2019 यानी पिछले साल की अपेक्षा दो अधिक 45गेहूं खरीद केंद्र संचालित किये जायेंगे।साथ ही गेहूं का समर्थन मूल्य पिछले साल 1735₹से बढाकर 1840₹कर दिया गया है जो पिछले साल की अपेक्षा 105₹अधिक है।जबकि इस साल तौलाई इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के माध्यम से की जायेगी।वहीं जनपद की राठ तहसील में पीसीएफ के पांच केंद्र जबकि विपणन शाखा का एक और भारतीय खाद्य निगम व एग्रो के एक एक केंद्र संचालित होंगे।जबकि सरीला तहसील में पीसीएफ के सात केंद्र, विपणन शाखा का एक केंद्र खोला जायेगा।जबकि मौदहा तहसील मुख्यालय की गल्ला मंडी में पीसीएफ के पांच, विपणन का एक, एग्रो का एक केंद्र खोला जायेगा जबकि मौदहा तहसील के मुस्कुरा ब्लॉक में पीसीएफ के पांच, विपणन शाखा का एक केंद्र खोला जायेगा।वहीं हमीरपुर सदर तहसील के सुमेरपुर विकास खण्ड में पीसीएफ के छः,एग्रो के दो,और विपणन शाखा का एक केंद्र खोला जाना है।जबकि इसी तहसील के कुरारा विकास खण्ड पीसीएफ के तीन, विपणन शाखा का एक, केंद्र खोला जाना है।जबकि गोहाण्ड विकास खण्ड में पीसीएफ के तीन व सरीला मे पीसीएफ के सात एक विपणन शाखा का केंद्र खोला जाना है।वहीं जिला खाद्य एवं विपणन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार गेहूं बेचने वाले किसानों के खातों में सीधे धन भेजा जाएगा जबकि पिछले बार चेक के माध्यम से भुगतान किया गया था।हालांकि अभी तक गेहूं खरीद के लक्ष्य की जानकारी नहीं मिल सकी है।तो वहीं बुण्देलखण्ड क्षेत्र में प्रदेश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले में फसल पहले तैयार होकर कट जाती है।हालांकि खरीद केंद्र कोरोना के चलते शुरू नहीं हो सके हैं अन्यथा सरकारी स्तर पर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।ऐसे में किसानों का गेहूं खेतों में पडा हुआ है।वैसे भी किसान पहले से मौसम की मार का सताया हुआ है।ऐसे में अगर मौसम ने एक बार फिर करवट ली तो किसानों की कमर पूरी तरह से टूट जायेगी।


 

 



 



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