Friday, March 13, 2020

उप राष्ट्रपति ने कॉलेजों में प्रवेश और रोजगार में खेल को ज्यादा महत्व देने का आह्वान किया

उप राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और रोजगार देने के लिए खेल को ज्यादा महत्व देने का आह्वान किया क्योंकि यह युवाओं को खेल संबंधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा।


हाल में भुवनेश्वर में आयोजित हुए खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में जीत दर्ज करने वाले पंजाब विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए, श्री नायडू ने कहा कि भारत अपने आकार और आबादी के बावजूद ओलंपिक जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पिछड़ रहा था क्योंकि पहले खेलों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता था।


देश के सभी शिक्षण संस्थानों से बहुत कम उम्र से ही बच्चों में खेल की संस्कृति का विकास करने का आह्वान करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में खेल को अनिवार्य विषय बनाना खेल संस्कृति को आगे बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है।


खेलों में भाग लेने के तमाम फायदे समझाते हुए श्री नायडू ने कहा कि किसी भी प्रकार का शारीरिक व्यायाम न केवल युवाओं को तंदुरुस्त रखता है बल्कि उनके एकाग्रता के स्तर को भी सुधारता है।


खेल युवाओं में सामाजिक लगाव, टीम भावना और आत्म-विश्वास की भावना पैदा करते हैं। उप राष्ट्रपति ने पंजाब विश्वविद्यालय के युवा एथलीटों से कहा, 'यह आपको शिष्टाचारपूर्वक हार को स्वीकार करना सिखाते हैं। अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, तो आप मानसिक रूप से सजग रहेंगे।'


बच्चों के खेलकूद को नियमित पेशे के रूप में लेने के लिए उन्होंने सरकार, समाज और शैक्षणिक संस्थानों के समन्वित प्रयासों का आह्वान किया।


खेलो इंडिया, फिट इंडिया, योग जैसे कार्यक्रमों को शुरू करने के लिए सरकार की सराहना करते हुए, श्री नायडू ने भारत को स्वस्थ बनाने के लिए इन्हें व्यापक अभियानों में परिवर्तित करने के लिए प्रत्येक नागरिक खासतौर से युवाओं और शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी की मांग की। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम जन आंदोलन बनने चाहिए।


इस बात पर कायम रहते हुए कि देश के आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए उसकी आबादी शारीरिक रूप से फिट होनी चाहिए, उप राष्ट्रपति ने हर नागरिक से राष्ट्र की प्रगति में योगदान करने और उसके विकास का भागीदार बनने का आह्वान किया।


जीवन शैली संबंधी बीमारियों को बढ़ने से रोकने के लिए योग या किसी भी प्रकार की नियमित शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल देते हुए श्री नायडू ने मानव जाति के प्रकृति की ओर लौटने की जरूरत पर बल दिया। लोगों के प्रकृति की गोद में ज्यादा समय बिताने की उन्होंने इच्छा व्यक्त की।


 


कार्यक्रम में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में पंजाब विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों के साथ-साथ उप राष्ट्रपति के सचिव श्री IV सुब्बाराव, पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राज कुमार और संकाय के सदस्य उपस्थित रहे।


पूरा भाषण निम्नलिखित है-


'पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति, पंजाब विश्वविद्यालय के एथलेटिक दल के सदस्य, शिक्षक वृंद, प्रिय युवा मित्रों। आप सभी का उप राष्ट्रपति निवास पर स्वागत करने का सुयोग पाकर प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं। मेधावी छात्रों और विद्वान शिक्षकों की उपस्थिति सदैव ही शुभता प्रदान करती है।


हाल में भुवनेश्वर में आयोजित पहले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में पंजाब विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली युवा छात्रों ने 17 स्वर्ण, 18 रजत और 10 कांस्य पदक जीत कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। दल के सभी सदस्यों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। आपके विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रूप में, आपकी हर उपलब्धि से स्वयं को निकट से जुड़ा हुआ पाता हूं।


आपके प्रयास, आपको, आपके शिक्षकों, परिजनों और आपके विश्वविद्यालय के लिए यश अर्जित करते हैं। आपकी सफलता, आपकी निजी उपलब्धि ही नहीं, बल्कि आपके संस्थान और समुदाय को भी यशस्वी बनाती है इसलिए आपकी उपलब्धि और भी अभिनंदनीय है। पंजाब विश्वविद्यालय तथा इस क्षेत्र के अन्य शिक्षा संस्थानों ने युवाओं में खेल की संस्कृति विकसित करने में अभिनंदनीय योगदान दिया है। पंजाब विश्वविद्यालय को खेलकूद में उल्लेखनीय उपलब्धियां के लिए 14वीं बार भारत सरकार की एमएकेए ट्रॉफी (मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी) से पुरस्कृत किया गया है।


मुझे जानकर हर्ष है कि सरकार ने खेलो इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत देश में खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें प्रशिक्षित और प्रोत्साहित करने का एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया है। प्रति खिलाड़ी को आठ वर्षों तक प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है।


2018 से खेलो इंडिया युवा खेलकूद आयोजित किए जा रहे हैं। इस वर्ष भी जनवरी में, गुवाहाटी में आयोजित खेलो इंडिया युवा खेलों में, विभिन्न प्रदेशों के लगभग 9000 युवा खिलाड़ियों ने भाग लिया। मुझे हर्ष है कि इन खेलों में हरियाणा ने दूसरा और पंजाब ने दसवां स्थान प्राप्त किया। देश को अनेक युवा खेल प्रतिभाएं मिलीं।


मुझे विशेष संतोष है कि गत सप्ताह ही देश के पहले खेलो इंडिया विंटर गेम्स उत्तर कश्मीर के गुलमर्ग में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए जिसमें 20 राज्यों के लगभग 900 प्रतिभागियों ने 30 खेलों में भाग लिया। आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि जो क्षेत्र वर्षों तक आतंकवाद के विष को झेल रहा था, वहां पर ऐसे खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन स्थानीय समुदाय, वहां के खिलाड़ियों, युवाओं और प्रशासन के लिए, आशा का कितना सकारात्मक संदेश देता है।


इन खेलों को आयोजित करने के लिए मैं केंद्र और प्रदेश सरकारों तथा स्थानीय प्रशासन, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों और सबसे अधिक प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतियोगियों का अभिनन्दन करता हूं जिनके प्रयासों से लगभग 2000 से अधिक युवा खेल प्रतिभाओं को खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत चिन्हित किया जा सका है। ये 2000 युवा देश में स्पोर्टिंग टैलंट पूल बनाएंगे जिन्हें वैश्विक स्पर्धाओं के लिए प्रशिक्षित और प्रोत्साहित किया जा सके।


इन प्रयासों के परिणाम दिखने भी लगे हैं। हाल के वर्षों में एथेलेटिक्स, कुश्ती, मुक्केबाजी, बैडमिंटन, जिम्नास्टिक जैसे खेलों में अंतरराष्ट्रीय, वैश्विक या क्षेत्रीय टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धियां विशेषकर महिला खिलाड़ियों की उपलब्धियां नई संभावनाओं के द्वार खोलती हैं।


पिछले कुछ वर्षों में भारत ने खेल के क्षेत्र में लगातार प्रगति की है और कई वैश्विक मंचों पर अपने कौशल का प्रदर्शन किया है। अब समय है कि हम खेल भावना के फलने-फूलने के लिए आवश्यक माहौल तैयार कर भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने का उद्देश्य तय करें। मैं देश के सभी कोनों से खेल प्रतिभाओं को पहचानने, प्रोत्साहित करने और उन्हें शीर्ष स्तर के बुनियादी ढांचे और उच्चतम स्तर का प्रशिक्षण देकर सहयोग करने के लिए कुछ साल पहले शुरू किए गए खेलो इंडिया कैंपेन के लिए भारत सरकार की प्रशंसा करता हूं।


मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल 'फिट इंडिया कैंपेन' लोगों को फिट और स्वस्थ रहने के लिए प्रोत्साहित करता है।


खेलकूद, शारीरिक अभ्यास और सौष्ठव हर परंपरा का भाग रहा है। आवश्यकता है तो उस परंपरा को जीवित करने की, उससे जुड़ने की, ऐसी प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें प्रशिक्षित करने की। इसी उद्देश्य से सरकार योग, फिट इंडिया, खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रमों को जन अभियान के रूप में प्रचारित और प्रसारित कर रही है। इन जन अभियानों में हर नागरिक, हर संस्था विशेषकर युवाओं और शैक्षणिक संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। तभी खेलकूद को समाज में व्यापक स्वीकार्यता मिलेगी, लोग व्यायाम और अभ्यास को जीवन शैली में अपनाएंगे। खेलकूद के लिए एक सामाजिक संस्कृति विकसित हो सकेगी।


स्पोर्ट्स और गेम्स हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे हमारी शारीरिक फिटनेस को सुधारते हैं, हमराी संज्ञानात्मक क्षमता में सुधार करते हैं और टीम गेम्स के मामले में हमारे सामाजिक कौशल में वृद्धि करते हैं। हम टीमों में कैसे काम करें, कैसे ध्यान केंद्रित करें और अपनी क्षमता में सुधार करना सीखते हैं और खेल का आनंद कैसे लें और कभी-कभी जीतने के लिए खेलते हैं।


तमाम खेलों और गेम्स में भाग लेने से व्यक्ति की एकाग्रता के स्तर में सुधार, टीम के साथ मिलकर काम करने की अवधारणा को बढ़ावा और आत्मसंयम का सलीका विकसित करने में मदद मिलेगी, जो किसी भी तरह की कड़वाहट, दुर्भावना या द्वेष की भावना के बिना हार को स्वीकार करने के लिए जरूरी है।


यह जीवन की गुणवत्ता को सुधारता है। यह आज्ञाकारिता, अनुशासन की आदत बनाने, जीतने का दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति में बढोतरी में सहायता करता है। गेम्स और स्पोर्ट्स में नियमित भागीदारी भी व्यक्ति को दृढ़ संकल्प की भावना विकसित करने में सक्षम बनाएगी। आखिरकार, स्पोर्ट्स का एक अच्छा व्यक्ति एक अच्छा नेता बन सकता है क्योंकि खेल नेतृत्व गुणों को भी विकसित करता है।


अभिभावक और शिक्षकों द्वारा प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है। इसी विचार से हमारी नई शिक्षा नीति में खेलकूद को शिक्षा का महत्वपूर्ण अभिन्न अंग माना गया है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित की जा रही है। जैसे-जैसे हमारे खिलाड़ियों की उपलब्धियां बढ़ेंगी, समाज का खेलकूद के प्रति नजरिया भी बदलेगा। अतः आप सब की उपलब्धियां, समाज में खेलकूद के प्रति जागृति बढ़ाने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण कदम है।


भारत को एक महान खेल राष्ट्र बनाने के लिए इसे जमीनी स्तर पर ले जाने और देश में सभी प्रकार के खेलों के लिए मजबूत ढांचा तैयार करने की तत्काल जरूरत है। खेल संस्कृति को स्कूल के समय से ही पोषित और पुनर्जीवित करने की जरूरत है। गेम्स और स्पोर्ट्स या योग या कोई भी शारीरिक गतिविधि लोगों की दैनिक दिनचर्या का अभिन्न अंग बनना चाहिए। यह न केवल स्वस्थ रखता है बल्कि दिमाग को तनाव मुक्त रखने में भी मदद करता है और दिमाग व शरीर को आराम प्रदान करता है। खेल क्षमता में सुधार करता है, टीम भावना को बढ़ाता है, समय की कीमत को समझाता है और साथ ही साथ किसी स्पोर्ट या किसी गेम को खेलना और देखना मनोरंजन का भी एक अच्छा स्रोत हो सकता है।


जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग रहता है और यह एक से ज्यादा तरीकों से मदद करता है। फिट रहने और स्वस्थ रहने से व्यक्ति, परिवार और बड़े पैमाने पर समाज की भलाई पर असर पड़ेगा। 30 से कम उम्र की 65 फीसदी से ज्यादा आबादी वाले हमारे जैसे किसी युवा देश को बच्चों, युवाओं और बड़ों को किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि करके फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।


मेरी अपेक्षा होगी कि इसके लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रशिक्षक स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराए जाएं। सामुदायिक और स्कूली स्तर पर प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएं।


युवा मित्रों,


देश का विकास एक आयामी नहीं होता, देश की प्रगति को सिर्फ जीडीपी के द्वारा ही नहीं मापा जा सकता, उससे देश में आर्थिक प्रगति का अनुमान तो लग सकता है परन्तु देश में अंतर्निहित मेधा, प्रतिभा का नहीं, समाज के युवाओं में निहित भावी संभावनाओं का नहीं। राष्ट्र सिर्फ आर्थिक रूप से ही प्रगति नहीं करता, वह समाज के संस्कारों, युवाओं के ऊंचे लक्ष्यों, उसके लिए अभीष्ट प्रयासों से, उनकी उद्यमशीलता से विकसित होता है। अतः आपके लक्ष्य, आपके प्रयास ही इस देश की प्रगति को दिशा और गति देंगे।


एक बार पुनः मैं आप सभी को आपकी भावी सफलताओं और उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है कि आपकी उपलब्धियों से प्रोत्साहित होकर विश्वविद्यालय शीघ्र ही सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, साइकिलिंग वेलोड्रोम तथा स्क्वैश कोर्ट जैसी सुविधाओं का निर्माण कर सकेगा।


उप राष्ट्रपति आवास पर स्वागत करने का सुयोग प्रदान किया, आप सभी को धन्यवाद देता हूं।



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