श्रीमती ईरानी ने सुझाव दिया कि सुरक्षा बलों में महिलाओं की भर्ती के समय उन्हें परामर्श दिया जाए ताकि वे अपने कैरियर के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि समाज आज भी कामकाजी महिलाओं को पूर्वग्रह से देखता है और सफलता के लिए पुरुषों के प्रदर्शन को एकमात्र मानदंड मानता है।
श्रीमती ईरानी ने बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों को प्रशिक्षण देने का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने एमएचए, सीडब्ल्यूसी, एनजीओ और आपराधिक न्यायिक प्रणाली के अन्य हितधारकों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि एक बार यदि किसी को सजा हो जाए तो वह सजा के निष्पादन में देरी के लिए कानून के प्रावधानों का लाभ न उठा सकें।
राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित 2 (दो) विषयों पर चर्चा और विचार-विमर्श करना था :
- साइबर स्टाकिंग और महिलाओं को धमकाना: सुरक्षा के लिए कदम
- परिचालन क्षेत्रों में सीएपीएफ महिलाओं द्वारा चुनौतियों का सामना
इस सम्मेलन के गुणगान में श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने एक हैंड-आउट - "बीपीआर एंड डी मिरर - जेंडर बेंडर" जारी किया।
इस अवसर पर बीपीआरएंडडी के महानिदेशक श्री वी. एस. के. कौमुदी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और पुलिस में शामिल महिलाओं से जुड़े साइबर अपराध के अलावा कार्यस्थल पर उत्पीड़न जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसी अनोखी चुनौतियां भी हैं जिनसे संचालन स्तर पर महिला अधिकारियों का सामना होता है। बीपीआरएंडडी के डीआईजी (आरईएस) श्री एस के ध्यानी ने बीपीआरएंडडी की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
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