दिल्ली के शाहीन बाग को खाली कराने के बाद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे जाफराबाद और तुर्कमान गेट पर विरोध प्रदर्शन को भी पुलिस ने कोरोना वायरस के चलते बंद करा दिया गया. यहां पर कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया. यहां भी लंबे समय से प्रोटेस्ट चल रहा था. जाफराबाद से ही दंगे कि शुरुआत हुई थी. शाहीन बाग ,जाफराबाद और तुर्कमान गेट पर पुलिस ने एक साथ कार्रवाई की. सुबह करीब 7 बजे से दिल्ली पुलिस की कार्रवाई शुरू हुई. वहीं शाहीन बाग में खाली कराने के लिए पहले पुलिस ने समझाया, नहीं माने तो कार्रवाई कर दी.
शाहीन बाग, जाफराबाद और तुर्कमान गेट को खाली कराने के लिए पुलिस बुधवार की सुबह 7 बजे भारी पुलिस बल के साथ पहुंचीं. वहां कुछ महिलाएं और पुरूष थे. पहले पुलिस ने समझाया. जब नहीं माने तो लगभग आधे घंटे बाद करीब साढ़े सात बजे पुलिस ने कार्रवाई की. कुछ महिलाएं भाग गईं. सड़क पर काफी कूड़ा और टेंट जमा है उसे एमसीडी के लोगों की मदद से हटाया जा रहा है
बताते चले कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 101 दिन से चल रहे लगातार प्रदर्शन को खत्म कर दिया गया. दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के चलते जगह को खाली कराया. प्रशासन का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदर्शन खत्म कराया गया. शाहीन बाग से कुल 9 लोग हिरासत में लिए गए. जिसमें 6 महिलाएं और 3 पुरुष है. दिल्ली में कर्फ्यू और सेक्शन 144 को देखते हुए कार्रवाई की गई. आवश्यक वस्तुओं और इमेरजेंसी वाहनों के आवागमन में दिक्कत न हो इसलिए कार्रवाई हुई.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते जनता कर्फ्यू के आह्वान के बीच दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को बंद करवाने को लेकर रविवार को दो गुट आपस में भिड़ गए थे. दोनों पक्षों में करीब आधे घंटे तक मारपीट और गालीगलौज हुई. एक पक्ष चाहता था कि पीएम के जनता कर्फ्यू के ऐलान का समर्थन किया जाए जबकि दूसरा पक्ष इसे मानने को तैयार नहीं था. इसी बात पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई. हालांकि, बाद में मामला शांत करवा दिया गया था. बवाल के वक्त स्टेज जिस से लोग भाषण देते हैं उसमें रखे समान को भी एक बार भीड़ ने उठा लिया था.
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