Tuesday, March 24, 2020

रेलवे ने गैर जरूरी यात्राओं को हतोत्साहित करने के लिए कई उपायों का किया ऐलान

भारतीय रेल ने कोविड-19 वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। इन उपायों को सभी क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है और गैर जरूरी यात्राओं को हतोत्साहित करने, सक्रिय संपर्क और संचार अभियान तथा कम भीड़ वाली ट्रेनों की संख्या में कमी से संबंधित हैं।


ये उपाय भारत सरकार की बार-बार जारी अनावश्यक यात्रा को न्यूनतम करने और सामाजिक एकांतवास के परामर्शों के क्रम में किए गए हैं। कल ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र से वायरस के खिलाफ सावधानियों या बचावों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं लाने का आह्वान किया। राष्ट्र को धीरज रखने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों को घर पर रहने, सामाजिक एकांतवास में रहने और भीड़भाड़ से बचने का अनुरोध किया।


भारतीय रेलवे ने कई रियायती श्रेणियों के लिए अस्थायी रूप से प्रोत्साहन वापस लेकर नागरिकों को गैर जरूरी यात्राओं के लिए हतोत्साहित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। भारतीय रेलवे ने ऐसे यात्रियों की श्रेणियों में कटौती की है, जो रियायत का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं। रियायत के लिए पात्र 55 विभिन्न श्रेणियों में से अब सिर्फ मरीजों, विद्यार्थियों और दिव्यांगजनों की 23 उप श्रेणियां ही अनारक्षित और आरक्षित खंड दोनों के लाभ उठा सकेंगी। यह आदेश 20 मार्च को रात 12 बजे से लागू हो गया है। (सूची साथ में संलग्न है)


नए प्रावधानों के तहत, रियायत पर टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को वर्तमान नियमों के तहत उन टिकटों पर यात्रा की अनुमति दी जा रही है। इसका मतलब है कि 20 मार्च को रात 12 बजे से पहले खरीदी गई टिकटों (यात्रा के मामले में) पर किसी भी तरह के किराये के अंतर को वसूल नहीं किया जाएगा। इन रियायतों को वापस लिए जाने से विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को फायदा होगा, जो कोरोना वायरस के प्रति ज्यादा संवेदनशील हैं। यह देखने में आया है कि कोविड-19 वायरस के चलते वरिष्ठ नागरिकों में इसके प्रसार का जोखिम और मृत्यु दर सबसे ज्यादा बनी हुई है। कोरोना वायरस पर डब्ल्यूएचओ ज्वाइंट मिशन की रिपोर्ट संकेत देती है, “60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में इस गंभीर बीमारी के शिकार होने और मृत्यु का जोखिम सबसे ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ ने 29 फरवरी, 2020 को जारी अपने परामर्श में संक्रामक बीमारियों या खराब सेलत वाले बुजुर्ग यात्रियों और लोगों को प्रभावित क्षेत्रों को अपनी यातात्र टालने या उससे बचने का अनुरोध किया था। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार पहले ही प्रस्तावित उपायों और सामाजिक एकांतवास के कदमों से संबंधित एक परामर्श जारी कर चुका है। इन्हीं में से एक है-गैर जरूरी यात्राओं से बचना चाहिए। बसों, ट्रेन और हवाई जहाजों जैसे सार्वजनिक परिवहन के माध्यमों से अधिकतम सामाजिक दूरी से नियमित और व्यापक रूप से कीटाणुओं का नाश सुनिश्चित होता है।”


जनता को जागरूक बनाने के लिए रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की पीए प्रणालियों पर नियमित घोषणाओं के माध्यम से देश भर में संवाद और संपर्क के प्रयास किए जा रहे हैं। जनता को बार-बार हाथ धोकर हाथों को स्वच्छ रखने, सामाजिक दूरी बनाने, खांसी और जुकाम के दौरान मुंह को ढकर रखने, अगर किसी को बुखार हो रहा है तो सावधानियां बरतने (यात्रा नहीं करने और तुरंत डॉक्टर को सूचना देने) और रेल परिसरों में नहीं थूकने आदि के बारे में बताया जा रहा है।


यात्रियों से गैर जरूरी यात्राओं से बचने के लिए परामर्श दिया जा रहा है। साथ ही सुनिश्चित किया जा रहा है कि अगर कोई यात्रा शुरू कर रहा है तो उसे बुखार नहीं हो। यात्रा के बीच में अगर यात्री को कभी भी लगता है कि उसे बुखार है तो वह इलाज और अन्य सहायता के लिए रेलवे कर्मचारियों से संपर्क कर सकता है। खाली स्लीपर कोचों को सामान्य सिटिंग कोचों में तब्दील करके ज्यादा भीड़भाड़ को हतोत्साहित किया जा रहा है। जमीनी हालात को देखते हुए कई मंडलों के विभिन्न स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमत बढ़ाई गई है।


संबंधित रूटों पर वैकल्पिक ट्रेनों की उपलब्धता के आधार पर ट्रेनों को मिलाकर चलाने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रा और ट्रेनों में सीटों की मांग की दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है और ट्रेन सेवाओं के परिचालन में बदलाव किया जा रहा है। साथ ही वास्तविक जरूरतों के आधार पर ट्रेन सेवाएं चलाई जा रही हैं। ट्रेन रद्द होने की स्थिति में नियमों के तहत यात्रियों को पूरा पैसा लौटाया जा रहा है। हालांकि यात्रियों द्वारा स्वेच्छा से टिकट रद्द कराने पर नियमों के तहत ही कटौती की जा रही है।


भारतीय रेलवे में रियायत के लिए स्वीकृत लोगों की श्रेणियों और रियायत का विवरण (20.03.2020 से लागू)


 

















































































































































क्रम संख्या



व्यक्तियों की श्रेणियां



रियायत (प्रतिशत में)*



I



अपंग यात्री (दिव्यांगजन)



1



अस्थियों/निचले अंगों से संबंधित विकलांग, जो सहयोगी के बिना यात्रा नहीं कर सकते हैं- किसी भी उद्देश्य से



· दूसरी श्रेणी, स्लीपर, प्रथम श्रेणी, तीसरी श्रेणी, 3 एसी, एसी चेयरकार में 75%


· 1एसी और 2 एसी में 50%


· राजधानी/शताब्दी ट्रेनों में 3एसी और एसी चेयर कार में 25%


· एमएसटी और क्यूएसटी में 50%


· एक सहयोगी को भी समान रियायत मिलेगी



2



मानसिक तौर पर मंदबुद्धि लोग जो बिना सहयोगी के यात्रा नहीं कर सकते हैं- किसी भी उद्देश्य से



3



दृष्टि क्षीणता से युक्त व्यक्ति जो यात्रा के दौरान अकेले देने में अक्षम हैं या एक सहयोगी के साथ- किसी भी उद्देश्य से



4



पूरी तरह मूक और बधिर (दोनों ही समस्याएं एक ही व्यक्ति में हों) व्यक्ति को अकेले या एक सहायक के साथ यात्रा के लिए- किसी भी उद्देश्य से



· द्वितीय श्रेणी, स्लीपर और प्रथम श्रेणी में 50%


· एमएसटी और क्यूएटी में 50 प्रतिशत


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



II



मरीज



5



कैंसर के मरीजों को इलाज/ आविधिक जांच के लिए अकेले या किसी सहयोगी के साथ यात्रा करने पर



· दूसरी श्रेणी, प्रथम श्रेणी और  एसी चेयरकार में 75%


· स्लीपर और 3 एसी में 100%


· 1एसी फर 2एसी में  50%


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है (स्लीपर और 3 एसी को छोड़कर, जहां सहयोगी को 75 प्रतिशत रियायत मिलती है)



6



थैलेसेमिया के मरीजों को इलाज/ आविधिक जांच के लिए अकेले या सहयोगी के साथ यात्रा करने पर



· द्वितीय श्रेणी, स्लीपर, प्रथम श्रेणी, 3एसी, एसी चेयर कार में 75%


· 1एसी और 2एसी में 50%


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



7



दिल के मरीज दिल की सर्जरी के लिए अकेले या किसी सहयोगी के साथ यात्रा पर जा रहे हों



8



गुर्दे के मरीज गुर्दा प्रत्यारोप ऑपरेशन/ डायलिसिस के लिए अकेले या किसी सहायक के साथ यात्रा पर जा रहे हों



9



हीमोफीलिया के मरीज – बीमारी का गंभीर और मध्यम रूप- उपचार या आविधिक जांच के लिए अकेले या किसी सहयोगी के साथ यात्रा पर जा रहे हों



· द्वितीय, स्लीपर, प्रथम श्रेणी, 3 एसी, एसी चेयरकार में 75 प्रतिशत


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



10



टीबी/ ल्यूपस वल्गरिस के मरीज उपचार/ आविधिक जांच के लिए अकेले या एक सहायक के साथ यात्रा कर रहे हों



· द्वितीय, स्लीपर और प्रथम श्रेणी में 75 प्रतिशत


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



11



गैर संक्रामक कुष्ठ मरीजो को उपचार/ आविधिक जांच के लिए



· द्वितीय, स्लीपर और प्रथम श्रेणी में 75 प्रतिशत


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



12



एड्स के मरीज-नामित एआरटी केंद्रों पर उपचार/ जांच के लिए



· द्वितीय श्रेणी में 50%



13



ओस्टोमी के मरीज- किसी भी उद्देश्य से यात्रा के लिए



· एमएसटी और क्यूएटी में 50%


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



14



लाल रक्त कोशिकाओं की कमी : उपचार/ आविधिक जांच के लिए



स्लीपर, एसी चेयरकार, एसी3 टायर, एसी 2 टायर श्रेणियों में 50%



15



अविकसित एनीमिया : उपचार / आविधिक जांच के लिए



स्लीपर, एसी चेयरकार, एसी3 टायर, एसी 2 टायर श्रेणियों में 50%



III.



विद्यार्थी



16



अपने घर और शैक्षणिक भ्रमण पर जा रहे छात्र


 


-सामान्य श्रेणी-


 


-एससी/ एसटी श्रेणी-



 


· द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50%


· एमएसटी और क्यूएसटी में 50%


 


· द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 75%


· एमएसटी और क्यूएसटी में 75%



-बालिकाओं को स्नातक तक


लड़कों को 12वीं तक


(मदरसे के विद्यार्थियों सहित) घर और स्कूल के बीच



दूसरी श्रेणी के लिए एमएसटी मुफ्त



17



ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों – शोध भ्रमण के लिए- एक साल में एक बार



दूसरी श्रेणी में 75%



18



प्रवेश परीक्षा- ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी विद्यालयों की बालिकाओं- चिकित्सा, इंजीनियरिंग आदि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा के लिए



दूसरी श्रेणी में 75%



19



यूपीएससी और केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित मुख्य लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को रियायत



द्वितीय श्रेणी में 50%



20



भारत में पढ़ाई कर रहे विदेशी विद्यार्थियों – भारत सरकार द्वारा आयोजित शिविरों/ सेमिनारों में भाग लेने के लिए यात्रा कर रहे और छुट्टियों के दौरान ऐतिहासिक और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की यात्रा के लिए



द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50 प्रतिशत



21



35 साल की उम्र तक के शोध छात्रों को- शोध कार्य से जुड़ी यात्रा के लिए



द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50%



22



कार्य शिविरों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों और गैर विद्यार्थियों को



द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 25%



23



नौवहन/ मर्केंटाइल मैरीन के लिए इंजीनियरिंग प्रशिक्षण से गुजर रहे कैडेट और सामुद्रिक इंजीनियर अप्रेंटिस- घर से प्रशिक्षण पोत के बीच यात्रा के लिए



द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50%



 



 



 



 



 




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