Saturday, March 14, 2020

प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों में लिप्त पाई गईं बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन और कुछ दवा कंपनियां

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (बीसीडीए), उसकी दो जिला समितियों मुर्शिदाबाद डिस्ट्रिस्ट कमिटी और बर्धवान डिस्ट्रिक्ट कमिटी और उनके पदाधिकारियों को प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 3 (3) (बी) के प्रावधानों (धारा 3 (1) के साथ ही पढ़ें) के उल्लंघन के साथ ही प्रतिस्पर्धा-रोधी प्रक्रियाओं को अपनाने का दोषी पाया है। बीसीडीए द्वारा इन प्रतिस्पर्धा-रोधी प्रक्रियाओं को अपनाया गयाः (1) दवा कंपनियों नए स्टॉकिस्टों को दवा की आपूर्ति से पहले पश्चिम बंगाल के कम से कम कुछ जिलों से पिछले स्टॉक की उपलब्धता की जानकारी (एसएआई)/बीसीडीए से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होता है; (2) डिस्ट्रिक्ट कमिटी के माध्यम से उनको एसएआई जारी करने के एवज में संभावित स्टॉकिस्टों से पैसा वसूला करती हैं; और (3) दवा कंपनियों के प्रचार सह वितरक (पीसीडी) एजेंट को पश्चिम बंगाल में संबंधित दवा कंपनियों की दवाओं का विपणन शुरू करने से पहले बीसीडीए को दान के रूप में पैसा देकर उससे उत्पाद उपलब्धता जानकारी (पीएआई) हासिल करनी होती थी।


इसके अलावा सीसीआई ने पाया कि दवा कंपनियों एल्केम लैबोरेटरीज (एल्केम) और मैकलॉयड फार्मास्युटिकल्स (मैकलॉयड) का बीसीडीए से प्रतिस्पर्दा-रोधी समझौता है, जिसमें ये कंपनियां संभावित स्टॉकिस्टों को ऑफर लेटर ऑफ स्टॉकिस्टशिप (ओएलएस) जारी करने के बाद उनसे बीसीडीए से लिया गया एसएआई /एनओसी /स्वीकृति पत्र /सर्कुलेशन पत्र की मांग किया करती थीं। इसके बाद ही दवा कंपनियां आपूर्ति शुरू करती थीं। इस प्रकार आयोग ने एल्केम और मैकलॉयड को अधिनियम की धारा 3 (1) के प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाया। साथ ही सीसीआई ने उनके कई अधिकारियों को अधिनियम की धारा 48 की शर्तों के तहत दोषी पाया।


इस क्रम में सीसीआई ने बीसीडीए, उसकी मुर्शिदाबाद और बर्धवान जिला समितियों, उनके पदाधिकारियों, दवा कंपनियों एल्केम और मैकलॉयड्स, उनके संबंधित अधिकारियों को ऐसी प्रक्रियाओं पर रोक लगाने और इससे बचने के निर्देश दिए। हालांकि, सीसीआई ने कहा, बीसीडीए ने कहा कि सीसीआई के पूर्व के एक आदेश के क्रम में प्रक्रियाओं में सुधार का भरोसा दिलाया है। इस मामले में सीसीआई ने किसी भी इकाई पर कोई जुर्माना नहीं लगाने का फैसला किया है।


आयोग इस मामले में विस्तृत आदेश बाद में जारी करेगा।



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