स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव ने कोविड-19 से निपटने के लिए तैयारी एवं प्रतिक्रिया के संबंध में वर्तमान परिस्थिति और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा अन्य सहायक मंत्रालयों द्वारा की गई कार्रवाई पर एक प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में प्रवेश द्वार एवं समुदाय की निगरानी, प्रयोगशाला सहायता, अस्पतालों की तैयारी, लॉजिस्टिक्स और संचार के जोखिम जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया गया। औषधि विभाग के सचिव ने भारत में उपयोग के लिए दवाओं, एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इनग्रेडिएंट्स (एपीआई) और अन्य सामग्रियों के स्टॉक की पर्याप्त उपलब्धता के बारे में जानकारी दी।
बैठक के दौरान सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों एवं बॉर्डर क्रॉसिंग पर लगातार सतर्क रहने की आवश्यकता से संबंधित मुद्दों, प्रोटोकॉल के अनुसार सामुदायिक स्तर पर निगरानी और रोगियों को अलग रखने के लिए पर्याप्त बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। डॉ. हर्षवर्धन ने समय रहते पहल करने के लिए राज्यों के साथ प्रभावी समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। नीती अयोग के सदस्य ने रोगियों को अस्पतालों में भर्ती करने के लिए क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही ईरान से भारतीयों को बाहर निकालने के लिए प्राप्त अनुरोध पर प्रकाश डाला गया।
माननीय प्रधानमंत्री ने अब तक किए गए कार्यों के लिए सभी विभागों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत को उभरते परिदृश्य से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा। सभी विभागों को आपसी तालमेल के साथ काम करना चाहिए और समुदायों के बीच इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने और सावधानियां बरतने के लिए पहल की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को दुनिया भर में और विभिन्न देशों में कोविड-19 से निपटने के लिए अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान और उन पर अमल सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों की राय के मद्देनजर लोगों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे जहां तक संभव हो सामूहिक समारोहों से बचें। साथ ही क्या करें और क्या न करें के बारे में जागरूक रहें। उन्होंने इस बीमारी के फैलने की स्थिति में रोगियों को अलग-थलग करने और उन्हें गंभीर देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त स्थानों की पहचान करने का काम तत्काल शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को ईरान में फंसे भारतीयों की तत्काल जांच और उन्हें बाहर निकालने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इस संक्रामक बीमारी के प्रबंधन के लिए पहले से ही विस्तृत योजना तैयार करने और समय पर प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
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