इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान 26,874 लाभार्थियों को 56,905 सहायता एवं सहायक उपकरण वितरित किए गए। दिव्यांगजनों को एडीआईपी और वरिष्ठ नागरिकों को राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत यह लाभ दिया गया। इन उपकरणों को पाने वालों में 10,416 दिव्यांगजन और 16,458 वरिष्ठ नागरिक थे। इस दौरान लगभग 19,37,76,980/- रुपये के सहायता एवं सहायक उपकरण वितरित किए गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने संस्कृत की एक प्राचीन सूक्ति - 'स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां, न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः' को उद्धृत किया। इसका अर्थ है कि सरकार का कर्तव्य है कि वह सभी को समान न्याय दे। उन्होंने कहा, ‘यह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सिद्धांत पर आधारित है। इसी भावना के साथ हमारी सरकार समाज के प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण एवं विकास के लिए काम कर रही है। 130 करोड़ भारतीय चाहे वह वरिष्ठ नागरिक हों, दिव्यांग हों, आदिवासी हों या समाज के निचले तबके से हों, उनके हितों की रक्षा करना मेरी सरकार की पहली प्राथमिकता है।’
सहायता एवं सहायक उपकरणों के वितरण के इस मेगा शिविर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सरकार के सभी को एक समान जीवन उपलब्ध कराने के प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘पिछली सरकारों के समय में ऐसे शिविर बामुश्किल आयोजित किए जाते थे और इस तरह के बड़े कैंपों को आयोजन बहुत दुर्लभ बात थी। पिछले पांच साल के दौरान हमारी सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में 900 शिविरों का आयोजन किया है।’ पिछले पांच साल के दौरान सरकार ने दिव्यांगजनों को 900 करोड़ रुपये के सहायता एवं सहायक उपकरण बांटे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नए भारत के विकास के लिए यह जरूरी है कि इसमें दिव्यांग युवाओं एवं बच्चों की बराबर की भागीदारी हो। सरकार उन्हें हर क्षेत्र में प्रोत्साहित कर रही है, चाहे वह औद्योगिक क्षेत्र हो या सेवा क्षेत्र हो अथवा खेल का मैदान।’ उन्होंने कहा, ‘हमारी पहली सरकार है जिसने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम को लागू किया। इसके माध्यम से हमने दिव्यांगजनों की श्रेणी को 7 से बढ़ाकर 21 किया है। हमने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दिव्यांगजनों का कोटा 3% से बढ़ाकर 5% किया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान देश में कई इमारतों, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों और हवाईअड्डों को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है। शेष को भी सुगम्य भारत अभियान से जोड़कर दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया जाएगा।
इस अवसर पर डॉ. थावरचंद गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन डीईपीडब्ल्यूडी दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में डीईपीडब्ल्यूडी पहले ही सात बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिव्यांगजन को यूडीआईडी कार्ड जारी करने के उद्देश्य से उनका मंत्रालय यूडीआईडी कार्ड प्रोजेक्ट को लागू कर रहा है, इसे पूरे देश में चलाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार ने दिव्यांगजनों की पेंशन को 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया है। उन्होंने जिलों और उप जिलों समेत देशभर में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की व्यापक पहल करने के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार भी दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने प्रयागराज के दिव्यांगजनों को मोटरयुक्त ट्राईसाइकिल उपलब्ध कराने के लिए अपने स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से सब्सिडी उपलब्ध कराने वाले प्रयागराज, भदोही और फूलपुर के सांसदों, विधायकों एवं एमएलसी की सहायता की भी सराहना की।
प्रयागराज जिले में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजन को अधिकतम लाभ पहुंचाने की दृष्टि से केंद्रीय सरकारी कंपनी एएलआईएमसीओको केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने शिविर संचालित करने का निर्देश दिया गया था। इसके अनुसार जिला प्रशासन के पूरे सहयोग से शिविर आयोजित किए गए। 9 से 21 दिसंबर 2019, 6 से 10 जनवरी 2020, 7 फरवरी 2020 और 22 फरवरी 2020 को वरिष्ठ नागरिकों के लिए आंकलन शिविर ब्लॉक स्तर पर 20 जगहों पर, प्रयागराज के नगर निगम क्षेत्र में 5 और जिले में एक ग्राम पंचायत में लगाए गए। इस दौरान कुल 26874 लाभार्थियों को पंजीकृत किया गया।
मेगा वितरण शिविर में लाभार्थियों को फ्री में बांटी गई मदद का विवरण-
क्रमांक | योजना | लाभार्थियों की संख्या | उपकरणों की संख्या | वैल्यू (रुपये में) |
1 | ADIP | 10406 | 18455 | 10,54,07,928.00 |
2 | RVY | 16468 | 38450 | 8,83,69,052.00 |
कुल | 26874 | 56905 | 19,37,76,980.00 |
उपरोक्त से इतर, प्रयागराज जिला प्रशासन के सहयोग से मंत्रालय ने 3 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाए। 'हाथ से संचालित ट्राइसाइकिल की सबसे बड़ी परेड' नाम से 28 फरवरी 2020 को रिकॉर्ड बना और 2 प्रयास 29 फरवरी 2020 को किए गए।
3 टाइटलों का स्टेटस इस प्रकार से है-
क- हाथ से चलने वाली ट्राइसाइकिल की सबसे बड़ी परेड ( 300 संख्या):
यह विश्व रिकॉर्ड डीपीईडब्लूडी, एएलआईएमसीओ और प्रयागराज जिला प्रशासन ने 28 फरवरी 2020 को सफलतापूर्वक बनाया और 1.8 किमी कवर करते हुए पिछला यूएई के 1.6 किमी के 250 ट्राइसाइकिल की परेड के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
ख- एक घंटे में सबसे ज्यादा हाथ से संचालित ट्राइसाइकिल दान करना (626 संख्या):
पहली बार यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड डीपीईडब्लूडी, एएलआईएमसीओ और प्रयागराज जिला प्रशासन ने आज बनाया है।
ग- व्हील चेयर्स की सबसे बड़ी चलती लाइन (400 संख्या) :
पहली बार यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड आज डीपीईडब्लूडी, एएलआईएमसीओ और प्रयागराज जिला प्रशासन ने आज बनाया है।
शिविर में बांटे गए बड़े उपकरणों का विवरण इस प्रकार से है: -
एडीआईपी स्कीम | आरवीवाई स्कीम | ||
उपकरण | संख्या | उपकरण | संख्या |
मोटर वाली ट्राइसाइकिल | 847 | वॉकिंग स्टिक | 13292 |
पारंपरिक ट्राइसाइकिल | 3949 | व्हील चेयर | 2181 |
व्हील चेयर | 1544 | बैसाखी | 118 |
बैसाखी | 5088 | ट्राइपोड और टेट्रापोड | 1735 |
वॉकिंग स्टिक्स | 1811 | वॉकर फोल्डेबल | 850 |
ब्रेल केन | 145 | चश्मा | 5816 |
स्मार्ट केन | 659 | कृत्रिम दांतों की पंक्ति | 4950 |
स्मार्टफोन | 29 | हियरिंग ऐड | 8858 |
हियरिंग ऐड | 2525 | व्हीलचेयर कमोड | 55 |
ब्रेल किट | 73 | चेयर कमोड | 35 |
रोलेटर | 229 | सिलिकॉन फोम कुशन | 10 |
टैबलेट | 1 | नी ब्रेस | 326 |
डेजी प्लेयर | 12 | स्पाइनल सपोर्ट | 40 |
एमएसआईईडी किट | 403 | एलएस बेल्ट | 94 |
सेलफोन | 54 | सीट के साथ वॉकिंग स्टिक | 05 |
एडीएल किट | 50 | फुट केयर किट | 85 |
ब्रेल स्लेट | 13 | --- |
|
सीपी चेयर | 99 | --- |
|
कृत्रिम अंग और कैलिपर | 924 | --- |
शिविर में बैट्री से चलने वाली 847 मोटर वाली ट्राइसाइकिलें वितरित की गईं। ऐसी एक मोटर वाली ट्राइसाइकिल की कीमत 37,000 रुपये है जबकि 25 हजार रुपये की सब्सिडी एडीआईपी स्कीम के तहत दी गई और 12 हजार रुपये की संतुलित राशि एमपीएलएडी फंड, एमएलए फंड, सीएसआर, एनजीओ या लाभार्थी के द्वारा दी गई। प्रयागराज, फूलपुर और भदोही के सांसदों और 9 एमएलए व 2 एमएलसी के एमपीएलएडी फंडों के सहयोग से वितरण कैंप में 166 मोटर वाली ट्राइसाइकिलें वितरित की गईं।
इसके अतिरिक्त तमाम कॉरपोरेशनों की सीएसआर पहल के तहत 243 मोटर वाली साइकिलें वितरित की गईं, जिनकी जानकारी इस प्रकार से है:
क- मेजा, ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी) की ओर से 118
ख- प्रयागराज पावर जनरेशन कंपनी बारा के द्वारा 83
ग- इफको प्रयागराज के द्वारा 41 और
घ- प्रयागराज पावर जनरेशन कंपनी, बारा और इफको प्रयागराज द्वारा 1
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