श्री जुल्का 1979 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं। वे केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव के रूप में 2015 में सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें केंद्र में सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। कुछ दिन पहले, श्री सुधीर भार्गव की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह के साथ अपनी 20 मिनट की मुलाकात के दौरान, मुख्य सूचना आयुक्त ने सूचना आयोग के कामकाज के बारे में जानकारी दी तथा यह बताया कि हाल के वर्षों में सरकार के समर्थन के साथ-साथ आधुनिक तकनीक या पोर्टलों के बढ़ते इस्तेमाल से मामलों के निपटारे की दर में वृद्धि हुई है।
श्री जुल्का ने डॉ. जितेंद्र सिंह को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के नवसृजित केंद्र शासित प्रदेशों को मुख्य सूचना आयुक्त के दायरे में शामिल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सूचना आयोग के कामकाज में सुधार के लिए मोदी सरकार द्वारा की गई कई ऐतिहासिक पहलों का जिक्र किया और साथ ही साथ ही सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दाखिल किये गए आवेदनों का शीघ्र निस्तारण के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में ही दिन तथा रात के किसी भी हिस्से में एवं देश अथवा विदेश कहीं से भी सूचना का अधिकार की ई-फाइलिंग के लिए 24 घंटे की पोर्टल सेवा शुरू की गई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत, जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के नए केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जम्मू-कश्मीर के गैर-अधिवास और गैर-राज्य विषय भी अब केंद्र सरकार के मुद्दों से संबंधित आरटीआई दायर करने के लिए उपयुक्त होंगे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मुख्य सूचना आयुक्त के कार्यालय को अपने विशेष कार्यालय परिसर में स्थानांतरित किये जाने की भी सराहना की। यह लगभग दो साल पहले तक किराए के भवन से संचालित होता था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सरकारी क्रियाकलापों में नागरिकों की अधिकतम भागीदारी सहित पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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