कोरोनावायरस के संक्रमण और
डर के आगे एक नई दुनिया को देखा।
आज मौत का खौफ पसरा देखा
चार दिवारी के बाहर सड़कों पर,
सन्नाटे में पत्तों का शोर देखा।
चलती सांसों में रोज़ बढ़ते आंकड़ों का
डर देखा, आज गुजरते दिन में
घड़ियों की सुइयों को समझा।
कुछ डर से धड़कते पलों में सच्ची,
खुशी की मुस्कानों से बनती कहानियां देखी।
आज फायदे से और नुकसान से दूर बस
जिंदगी को जितने की कोशिशें देखीं।
आते कल से ज्यादा, आज में जीते देखा।
मौत के डर से जिंदगी को बदलते देखा
कुछ नए रंगों में ढलते देखा।
राखी सरोज
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