कोविड-19 की स्थिति के बारे में जीओएम के समक्ष एक प्रस्तुति दी गई। भारत में कोविड-19 बीमारी के बारे में उठाए गए निवारक कदमों और उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई। इसमें कोविड-19 के संबंध में व्याप्त वैश्विक स्थिति के मद्देनजर विभिन्न यात्रा परामर्शों के बारे में जानकारी भी शामिल थी।
इस बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव सुश्री प्रीति सूदन, नागर विमानन सचिव श्री प्रदीप सिंह खरोला, सचिव (फार्मास्यूटिकल्स) श्री पी.डी. वाघेला, सचिव (कपड़ा) रवि कपूर, सचिव (डीएचआर) और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, विशेष सचिव (कपड़ा) डॉ. पी.के. कटारिया, विशेष सचिव (स्वास्थ्य) श्री संजीव कुमार, अपर सचिव (विदेश मंत्रालय) श्री मनोज भारती, डीजीएफटी श्री अमित यादव, जहाजरानी के सचिव श्री संजय बंदोपाध्याय, गृह मंत्रालय में अपर सचिव श्री अनिल मलिक, महानिरीक्षक (आईटीबीपी) श्री आनंद स्वरूप, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल और सेना, आईटीबीपी, फार्मा और टेक्सटाइल्स के अन्य अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया। डॉ हर्षवर्धन ने वर्तमान परिदृश्य और जीओएम बैठक के बारे में मीडियाकर्मियों को संबोधित किया।
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि 12 देशों - चीन, सिंगापुर, थाईलैंड, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, मलेशिया, नेपाल, इंडोनेशिया, ईरान और इटली से आने वाली सभी उड़ानों के यात्रियों की वैश्विक जांच की जा रही है। यात्रियों की 21 हवाई अड्डों, 12 प्रमुख बंदरगाहों और 65 छोटे बंदरगाहों और स्थल मार्गों विशेष रूप से नेपाल की सीमा पर भी जांच की जा रही है।
अब तक 5,57,431 यात्रियों को हवाई अड्डों पर और 12,431 यात्रियों की बंदरगाहों पर जांच की गई है। यात्रियों को दैनिक आधार पर आईडीएसपी नेटवर्क के माध्यम से सामुदायिक निगरानी के तहत भी निगरानी की जाती है। इसके अलावा 25,738 यात्री आईडीएसपी नेटवर्क के सामुदायिक निगरानी में हैं। उन्होंने बताया कि 15 प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं और 19 प्रयोगशालाओं को जल्द ही शुरू किया जाएगा। 25000 नमूनों के जांच के लिए अभिकर्मकों को उपलब्ध कराया गया है। कुल 3245 नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया, जिनमें से 3217 निगेटिव और 5 नमूने पोजिटिव पाए गए, जबकि 23 नमूने परीक्षण के तहत है। दो नए पोजिटिव मामले सामने आए हैं, इनमें से एक दिल्ली का और एक तेलंगाना का है।
उन्होंने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि बिना वजह सिंगापुर, कोरिया गणराज्य, ईरान और इटली की यात्रा से बचने की आवश्यकता है। 10 फरवरी 2020 से कोरिया गणराज्य, ईरान और इटली से आने वाले या ऐसी यात्रा इतिहास वाले लोगों का भारत आने पर 14 दिनों के लिए अलग रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम वैश्विक परिदृश्य पर नज़र रख रहे हैं। अन्य देशों पर भी स्थिति के अनुसार प्रतिबंध बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि म्यांमार (2), बांग्लादेश (22), मालदीव (2), चीन (6), दक्षिण अफ्रीका (1), संयुक्त राज्य अमेरिका (1) और मेडागास्कर (1) के नागरिकों सहित 112 लोगों को वुहान से निकाला गया है और छावला में आईटीबीपी कैंप में रखा गया है। इन सभी व्यक्तियों का पहला परीक्षण निगेटिव पाया गया है। जापान से भी से 27 फरवरी को 124 लोगों को वापस लाया गया हैं। इनमें 5 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इसकी जांच भी निगेटिव पायी गई और इन्हें मानेसर में सैन्य सुविधा में रखा गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी जानकारी दी कि स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी संयुक्त सचिवों को कोविड-19 के बारे में राज्यों की तैयारियों का आकलन करने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा 5 राज्यों (उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम) के 21 सीमावर्ती जिलों में 3695 से अधिक ग्राम सभा की बैठकें आयोजित की गई हैं। नेपाल सीमा पर अब तक 10,24,922 लोगों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि देश में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), एन 95 मास्क आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने लोगों को सावधानी बरतने और किसी भी लक्षण के बारे में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा पर सूचित करने या स्वास्थ्य मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष में 011-23978046 नंबर पर फोन करने या ncov2019@gmail.co वेबसाइट पर ईमेल करने की सलाह दी है।
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