श्री गडकरी ने कल शाम नई दिल्ली में महिला उद्यमी सशक्तिकरण सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार महिला उद्यमियों के साथ कोई भेदभाव नहीं करने के लिए प्रतिबद्ध है । उन्होंने महिला उद्यमियों से उत्पादों की गुणवत्ता और वितरण में उच्च मानकों को बनाए रखने का आह्वान किया। श्री गडकरी ने यह माना कि महिला उद्यमियों को हतोत्साही चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सभी बाधाओं का लंबे समय तक सामना करने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार एमएसएमई उत्पादों के विपणन के लिए अलीबाबा मंच की तर्ज पर एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक नई वेबसाइट शुरू करने पर काम कर रही है।
6000 से अधिक महिलाओं को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा अगरबत्ती विनिर्माण और पैकेजिंग में प्रशिक्षित किया गया है। जम्मू-कश्मीर में बारामुला जिले के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में बिजली से मिट्टी के बर्तन बनाने के काम में 150 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा पुलवामा में लगभग 25 लड़कियों और कठुआ में लगभग 100 लड़कियों को सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया है। जम्मू के पास नगरोटा की 125 महिलाएं हर रोज 7500 खादी की रुमालें बना रही हैं। अब केंद्रीय मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम 25% खरीदारी एमएसएमई से कर रहे हैं। यह भी निर्देश दिया गया है कि 4% खरीदारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों और 3% खरीदारी महिला उद्यमियों से होनी चाहिए। शहद उत्पादन के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वैश्विक बाजार में शहद उत्पादों को बेचने के लिए एक मार्केटिंग वेबसाइट पर काम चल रहा है। महिलाओं को ‘सौर चरखे’ भी दिए जा रहे हैं।
तीन-दिवसीय सम्मेलन का आयोजन एमएसएमई मंत्रालय फिक्की-फ्लो, सीआईआई और भारतीय एसएमई मंच जैसे विभिन्न उद्योग संघों के सहयोग से किया गया है। ‘महिला उद्यमी सशक्तिकरण के लिए एक सशक्त व्यवसाय के अनुकूल परितंत्र का निर्माण’ विषय पर देश के सभी भागों से आने वाली 300 से अधिक महिला उद्यमियों के लिए एक पैनल चर्चा की गई। श्री गडकरी और एमएसएमई राज्य मंत्री श्री प्रताप चंद्र सारंगी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिला उद्यमियों को बधाई दी और सम्मेलन में महिला उद्यमियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर श्री सारंगी ने कहा कि प्रधानमंत्री की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण के बिना पूरा नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी), खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग, कॉयर बोर्ड, एमएसएमई विकास संस्थान जैसे संगठनों द्वारा चलाई जा रही वित्तीय मदद, बाजार तक पहुंच, उद्यमिता विकास, निर्यात एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग, प्रशिक्षण और कौशल विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं के जरिए महिला उद्यमियों को मदद करता है। एमएसएमई मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत पिछले 5 वर्षों के दौरान कुल 3.13 लाख महिलाएं लाभान्वित हुईं।
सचिव डॉ. अरुण पांडा ने सभी महिला उद्यमियों से पोर्टल ‘एमएसएमई संबंध’ से अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की जहां सीपीएसई द्वारा की गई खरीद की सभी प्रासंगिक जानकारियां उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि ‘उद्यम सखी’ महिला उद्यमियों के लिए एक विशेष पोर्टल है। उन्होंने यह भी बताया कि शहरी क्षेत्रों में महिला उद्यमियों को 25 प्रतिशत अनुदान और ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। विकास आयुक्त और विशेष सचिव श्री राम मोहन मिश्रा और संयुक्त सचिव श्रीमती अलका अरोड़ा ने भी सभा को संबोधित किया।
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