इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने दक्षिण एशिया में मीडिया में महिलाओं की स्थिति पर आईआईएमसी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट जारी की। उन्होंने आईआईएमसी को यह रिपोर्ट लाने के लिए बधाई दी। साथ ही उन्होंने समाचार कक्षों में व्याप्त महिला-पुरुष भेद और असमानता की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए इस रिपोर्ट को मीडिया समूहों के प्रमुखों और मालिकों के साथ साझा किए जाने का अनुरोध किया।
श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को मीडिया में महिलाओं पर उभरती प्रौद्योगिकी के प्रभाव का अध्ययन कराने के लिए आईआईएमसी के साथ सहयोग करके प्रसन्नता होगी। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय मीडिया की महिलाओं तथा उनके कार्य के दौरान आवश्यक सहायता तंत्र पर शोध किया जाना चाहिए।
साउथ एशिया वूमंस नेटवर्क (एसडब्ल्यूएएन) की संस्थापक न्यासी और समन्वयक प्रोफेसर वीना सीकरी ने रिपोर्ट के निष्कर्षों पर रोशनी डाली। यूनेस्को द्वारा प्रायोजित इस रिपोर्ट के लिए साउथ एशिया वूमंस नेटवर्क और इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट की ओर से संयुक्त रूप से शोध किया गया था। इस शोध के तहत दक्षिण एशिया के नौ देशों के मीडिया में महिलाओं की कामकाज की स्थितियों का अध्ययन किया गया और इसे दो संस्करणों में जारी किया गया है।
पूरी रिपोर्ट : http://www.swaninterface.net/report-on-the-status-of-women-in-media-in-south-asia-march-2020/ पर उपलब्ध है।
इस कार्यक्रम में पत्र सूचना कार्यालय, नयी दिल्ली के प्रधान महानिदेशक श्री कुलदीप सिंह धतवालिया, आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग की प्रधान महानिदेशक सुश्री ईरा जोशी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की विभिन्न मीडिया इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सेवा निवृत्त मीडिया प्रमुखों और पत्रकारों ने भाग लिया।
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