*कोरोनाV/S गरीबी v/s घरों व दुकानों का किराया और बैंक की ई.एम.आई*
*ऐसे कर्फ्यू में जब काम नही करेगी अवाम तो
*क्या सरकार ने इस विषय को कोई निर्णय लिया जनता का सवाल*
*कोरोना से बचे तो भुखमरी बैंको से लिया कर्ज़ की ई.एम.आई कहा से देगी घर मे बैठ कर आम जनता इस हालात में ना जीने देंगी ये परेशानियां आइए जाने गरीबी की जुबानी* *गरीबो की मोरबतियाँ*
कोरनो वायरस के चलते भारत सरकार ने जो क़दम उठाया वो काफी सराहनीय है वायरस को देखते हुवे सरकार द्वारा जो निर्णय लिए जा रहे है वो काफी हद तक सफल तो है पर आज जब दैनिक अयोध्या टाइम्स समाचार की हमारी टीम ने अलग अलग शहरो में जब पब्लिक के बीच उतर कर उनकी राय पूछी तो जनता द्वारा इस कर्फ्यू का सपोर्ट किया गया और शासन प्रशासन का पूरा सहयोग भी जनता द्वारा किया जा रहा है लेकिन कुछ गरीब मिडिल क्लास की जनता के मन मे सवाल है जो की काफी चिंतनीय विषय है जनता ने हमारे समाचार पत्र के द्वारा सरकार से पूछा कि शहर व देश भर में कर्फ्यू का माहौल होने से हर प्राइवेट कर्मचारि व छोटा व्यापारी कर्फ्यू के दौरान ड्यूटी नही जा सकता ऐसे में जो लोग किराए पर गुज़र बसर करते है जो किराए पर दुकान लेकर छोटा मोटा काम करते है वो दुकानों और माकानो का किराया कैसे चुकाएंगे क्या इस विषय मे सरकार ने कुछ नियमावली बनाई है बन्दी के चलते अगर नही तो गरीब लोग कैसे गुज़र बसर करेंगे कहा से #दुकान मकान खाने के राशन का पैसा लाएंगे#?
और दूसरी तरफ जो #आम जनता ने छोटे मोटे लोन करा रखे है उसकी ई.एम.आई कहा से देंगे #? *#यदि ये किश्ते समय पर न दिगयी तो गम्भीर ब्याज कहा से गरीब आदमी भरेगा# *ऐसे में यदि लोग कोरोना से बच भी गए तो बैंको के ब्याज और दुकानों माकानो व बिजली के बिल और किराए से त्रस्त हो कर मर जाएंगे* #जनता की सरकार से मांग है कि इन मुद्दों पर # देश के प्रधान मंत्री इन विषयों पर भी ध्यान दे ताकि जनता उनका पूरी तरह सहयोग करे और # इन कारणों से भुखमरी या किसी अन्य समस्याओं से जनता को त्रस्त न होना पड़े ऐसे में देखने ये है कि #*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी#* *#आदित्यनाथ जनता हित में कोई फैसला लेंगे* ?
या युही जनता को इन तकलीफों से खुद को ही लड़ना पड़ेगा ?
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