Monday, March 9, 2020

होली के रंग






होली के रंग प्रेम विश्वास

भाईचारे प्यार के संग

लगाये एक दूजे को गुलाल रंग

बढाये रिश्तो नातो की मृदंग।

 

अंग अंग भिगायें रंग से

कोई न दिल तोडे कसम से

आयी है लेकर सतरंगी उपहार

एक ही मन रंग लगाये सनम से।

 

आया फाल्गून होली की धूम

प्रकृति लहरायी धरती को चूम

मस्ती चढी ऐसी सभी रहे झूम

लहरायी बगिया फूलो की धूम।

 

रंग बिरंगे फसलो की डाली

पकने को आये करो खलिहान की तैयारी

रंग बसंती अंग बसंती मन हो बसंती

भवरो के भी हर अंग बसंती।

 

चहक रहे है चेहरे अब

देखकर उनका सौंदर्य

पुष्प पराग को मतवाले भँवरे

फाल्गुन में न छोडे अब।

                                आशुतोष

                               पटना बिहार


 

 



 



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