Tuesday, March 31, 2020

ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों ने सरकार से की मांग पत्रकारों के हित में उठाए सरकार ठोस कदम





हरदोई ।(अयोध्या टाइम्स) कोरोना वायरस की महामारी में ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार जीवन को संकट में डाल कर अपनी समस्या के लिए पत्रकारिता कर रहे हैं। संस्था व सरकार द्वारा इन अवैतनिक पत्रकारों को कोई परिश्रमिक नहीं दिया जाता है, क्योंकि संस्थाएं इन पत्रकारों को कोई अधिकृत प्रमाण पत्र नहीं देती हैं। संस्थाएं जमकर इनका शोषण करती हैं। जहां सरकार दैनिक कर्मियों, पटरी दुकानदारों, मनरेगा, जॉब कार्ड धारकों, राजमिस्त्री, हाँकर, बढ़ई, ईट भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों, आदि को पंजीकृत श्रमिकों को सरकार द्वारा कोई न कोई सरकार की योजना से जोड़कर मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही हैं। वहीं प्रदेश में बड़ी संख्या में अवैतनिक पत्रकारों को संस्था व सरकार द्वारा कोई सहायता व परिश्रमिक नहीं दिया जाता है। ऐसे में यह पत्रकार जुगाड़ से रोजी-रोटी यापन करते हैं। जो जुगाड़ सिस्टम में अपने को नहीं ढाल पाते हैं, वह परिवार के लिए मुसीबत हैं। पत्रकारिता के दौरान कोई जोखिम हो जाए, तब भी इनको कोई राहत नहीं मिलती है। ऐसे में इनके परिवार के सामने घोर संकट खड़ा हो जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के संयोजक रामखेलावन कनौजिया ने आर्थिक सुरक्षा व जीवन बीमा मुहैया कराए जाने की मांग की है। ज्ञात हो लगभग 80% पत्रकार अपनी संस्था के लिए अवैतनिक कार्य करते हैं।


 

 



 



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