आज-तक के इतिहास में इंसान इतना विवश कभी नही था।इस वायरस की घातिकी इसी से साबित होती है कि आज दुनिया के 195 देश इसके प्रकोप से प्रभावित हैं।दुनिया की तकरीबन दो अरब आबादी आज लाॅक डाउन होने को विवश है तकरीबन 30 हजार मौत और लगभग पाँच लाख संक्रमित हो चुके हैं।यह भीषण आपदा से त्रस्त दुनिया के वैज्ञानिक डाक्टर लोग इसकी दवा खोजने में दिन रात लगे हुए है पर अभी तक कामयाबी नहीं मिल पा रही है। यह सोचने वाली बात है और खतरे का संकेत भी क्योंकि यह न दिखने वाला वायरस किसी दुश्मन की साजिश तो नही इस दिशा में भी रिसर्च की जा रही है शायद कुछ निष्कर्ष जरूर निकले।
इसकी उत्पत्ति चीन की बुहान शहर से हुई है क्योंकि पहला मरीज वही नवम्बर 19 में मिला फिर देखते ही देखते पूरे वुहान शहर को अपनी चपेट में ले लिया गौर करने वाली बात यह है कि चीन के दूसरे शहर के बजाय यह पूरी दुनिया में फैल गयी जो शक पैदा करता है कि यह मानव निर्मित चायनीज वायरस है।
दूसरे इसके नाम को लेकर है कोविद 19 को नोवेल कोविद 19 नाम दिया गया जो इशारा करता है कि इस वायरस के साथ छेड छाड़ कर एक हथियार के तौर पर दुनिया पर इस्तमाल की गयी हो ताकि दुनिया में दहशत पैदा कर वह अपना सारा मैडिकल सामान बेच सके।
शायद यह एक विकृत मानव रूप है जो चीनीयों के दिमाग में चल रहा हो ऐसी आशंका जतायी जा रही है।
मीडिया में आयी खबरो के मुताबिक वहाँ के दो डाक्टर जिनकी असमय मृत्यु और उनके स्टेटमेंट भी इसी ओर इशारा करते हैं कि यह लैब के द्वारा निर्मित हुआ है जो लगातार जिन्दगीयाँ निगल रही है।
भारत एक घनी आबादी वाला देश जहाँ विविधता है आज सप्ताह दिन से पूर्ण बंद है ।सभी घरो में कैद है ।लगातार लोग अनेक परेशानिया झेल रहे हैं।इस तरह की परेशानी वो तमाम देश झेल रहे जहा यह वायरस है ।दरअसल इसी परेशानीयों का फायदा चीन उठाना चाहता है ।भारत सरकार तथा दुनिया को चाहिये की वह इस देश का पूर्ण वाहिष्कार करें ताकि वह खुद आर्थिक लाँकडाउन हो ।
भारत के लोग कमर कस चुके है अब दुनिया भी स्थिति को समझ रही है यही कारण है कि अमेरिका और दुनिया के प्रभावित मुल्क ने चीन के प्रति कडा रूख अपनाया है इसे बरकरार रखना होगा और इस जैविक युद्ध के साथ चीन से आर्थिक युद्ध भी दुनिया को लड़ना ही होगा।
आज जीतने भी लोग मर रहे है उसका जिम्मेदार अगर कोई है तो वो है चीन क्योंकि जिस समय दुनिया को अगाह करना चाहिए उस समय वह सारी सूचनाएँ छिपा रहा था और दुनिया के देशो में कैसे फैले इसका प्लान कर रहा था।अगर ऐसा नहीं था तो सभी तरह के यातायात पर रोक लगे और इन्टरनेशनल उड़ान जारी रहा ऐसा क्यूँ?
यह वायरस सभी तरह की जलवायु झेल लेता है और जिन्दा रहता है जबकि जो प्राकृतिक होते तो ऐसा कतई संभव नही था।इन सारी तर्क संगत बातो पर आंकलन जारी है और रिपोर्टो का इंतजार फिर यह यकीन में तब्दील हो जाए यही चांसेज ज्यादा दिख रहे हैं।क्योंकि वुहान ही वो शहर है जहाँ जैविकीय लैब भी है तो आशंकाए प्रबल हो जाती है।
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