स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित राष्ट्रीय आरोग्य निधि की व्यापक योजना के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार सीमान्त गरीबी रेखाओं से नीचे रहने वाले परिवारों से संबंधित रोगियों एवं प्रमुख जानवेला रोगों/कैंसर/दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित लोगों को सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 15 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता सरकारी अस्पताल के मेडिकल सु्परिटेंडेंट को ‘एकमुश्त अनुदान’ के रूप में योग्य मरीजों को उपलब्ध कराए जाते हैं, जहां वे उपचार प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना के तीन घटक हैं अर्थात 1. राष्ट्रीय आरोग्य निधि (आरएएन) – कैंसर के अतिरिक्त जानलेवा बीमारियों से ग्रसित मरीजों को सहायता प्रदान करने के लिए, 2. स्वास्थ्य मंत्री की कैंसर मरीज निधि (एचएमसीपीएफ) – कैंसर से ग्रसित मरीजों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए, एवं 3. विशिष्ट दुर्लभ रोगों से ग्रस्ति मरीजों के लिए वित्तीय सहायता हेतु स्कीम।
स्वास्थ्य मंत्री के विवेकाधीन अनुदान (एचएमडीजी) के तहत उन मरीजों को अधिकतम 1 लाख 25 हजार रुपए का राशि प्रदान की जाती है, जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 25 हजार से अधिक नहीं है, जिससे कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने/उपचार कराने पर होने वाले व्यय के एक हिस्से को चुकाया जा सके।
इन योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को जारी नहीं की जाती, बल्कि उन अस्पतालों को दी जाती है, जहां पात्र रोगी उपचार प्राप्त करते हैं। पिछले तीन वर्षों के दौरान राष्ट्रीय आरोग्य निधि एवं एचएमडीजी के तहत जारी की गई निधियों के विवरण निम्नलिखित हैं:
वर्ष | योजना | जारी निधियां (करोड़ रुपये में) |
2016-17 | एचएमसीपीएफ | 20.27 |
आरएएन | 25.57 | |
एचएमडीजी | 2.85 | |
2017-18 | एचएमसीपीएफ | 8.66 |
आरएएन | 44.27 | |
एचएमडीजी | 2.88 | |
2018-19 | एचएमसीपीएफ | 10.35 |
आरएएन | 48.57 | |
एचएमडीजी | 5.00 |
No comments:
Post a Comment