भारत परंपराओं का देश है भारत की तमाम प्राचीन कथाएं सुनकर ही मनुष्य अच्छे ढंग से जी सकता है ।
मगर भारतीय सभ्यता में विदेशी या पाश्चात्य सभ्यता का घुस जाना भारतीय सभ्यता के लिए किसी खतरे से कम नहीं ।
साधारण भाषा में बस इतना समझ लीजिए विदेशी सभ्यता का प्रवेश ही भारतीय सभ्यता के लिए खतरनाक वायरस जैसा ही है इस वायरस को लाने में हम भारतीयों का भी बहुत बड़ा हाथ है क्योंकि हमें भारत से ज्यादा विदेश की वस्तुएं और चमक-धमक ज्यादा पसंद है . विदेशी पहनावा एवं विदेशी तौर-तरीकों में हमें जीना चाहते हैं इसलिए तो भारत में विदेशी चीजें वायरस की भांति हमारी संस्कृति को नष्ट कर रही हैं ।
भारत में वनों का संरक्षण करें, आयुर्वेद और योग के साथ रहे, समय-समय पर पवित्र नदियों में स्नान करें ,चरित्रवान बने, अच्छी शिक्षा लें - अच्छी शिक्षा दें, बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करें और उनकी सेवा करें ।
अगर सौ वर्षों तक जीना चाहते है तो भारतीय संस्कृति के साथ छेड़खानी और मिलावट न करे अन्यथा इसके दुष्परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें
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