आयकर विभाग ने रायपुर में 27 फरवरी, 2020 को व्यक्तियों के एक समूह, हवाला डीलरों और व्यापारियों की जांच की। शराब और खनन व्यवसाय से बड़ी बेहिसाब नकदी के साक्ष्य और लोक सेवकों के लिए उसका हस्तांतरण, नोटबंदी की अवधि के दौरान भारी नकदी जमा, शेल कंपनियों से प्रविष्टियों, संपत्तियों आदि में अघोषित निवेश के बारे में विश्वसनीय विवरण एवं खुफिया जानकारी के आधार पर जांच की कार्रवाई की गई थी। बाद में, जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर कुछ अन्य परिसरों को भी जांच में शामिल किया गया।
जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक डेटा से पता चला कि हर महीने लोक सेवकों और अन्य लोगों को पर्याप्त मात्रा में अवैध भुगतान किया जा रहा था। इसके अलावा, बेहिसाब बिक्री के दैनिक विवरण, करोड़ों के लेन-देन वाले कर्मचारियों के नाम से खोले गए बैंक खाते और एक बेहिसाब बैंक खाते पाए गए। बेनामी वाहनों, हवाला हस्तांतरण, कोलकाता स्थित कंपनियों को हस्तांतरण और विशाल लैंड बैंक के साथ शेल कंपनियों का विवरण भी पाया गया और उन्हें जब्त किया गया। जांच से अत्याधिक मात्रा में नकदी की जब्ती भी की गई। तलाशी के दौरान अब तक 150 करोड़ रूपये से अधिक के बेहिसाब लेनदेन का पता चला तथा सबूतों और सुरागों के बाद और यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की संभावना है। तलाशी एवं जांच का काम जारी है और कई बैंक लॉकरों की जब्ती सहित कई निषेधात्मक आदेश दिए गए हैं।
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