आरोपी व्यक्ति फर्जी चालान के आधार पर आईटीसी को पारित करने के उद्देश्य से कई फर्जी कंपनी बनाकर कर की चोरी कर रहे थे। आईटीसी को वास्तविक बनाने के लिए उन्होंने बैंकिंग लेनदेन का भी इस्तेमाल किया। इन फर्मों ने खरीदारों को फर्जी चालान जारी किया, जिन्होंने वास्तव में किसी भी सामान को प्राप्त किए बिना धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया और जीएसटी देयता के लिए अयोग्य आईटीसी का लाभ उठाकर सरकारी खजाने को धोखा दिया। वे कई मोबाइल फोन, कंप्यूटर और गलत दस्तावेजों के साथ अपने ठिकाने में पकड़े गए।
आरोपियों ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1) (बी) और धारा 132 (1) (सी) के तहत अपराध किए हैं, जो धारा 132 (5) के प्रावधानों के अनुसार संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध हैं तथा सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 की उपधारा (1) के खंड (i) सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा के अनुसार दंडनीय हैं। तदनुसार, अभियुक्तों को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत 29 फरवरी, 2020 को गिरफ्तार किया गया और मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
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