Wednesday, February 5, 2020

वित्‍त वर्ष 2020-21 के लिए भारतीय रेलवे का पूंजीगत खर्च 1,61,042 करोड़ रुपये तय किया गया है, जो अब तक का सर्वकालिक उच्‍चतम स्‍तर है

 सरकार का लक्ष्‍य भारतीय रेलवे को अर्थव्‍यवस्‍था का विकास इंजन बनाना है। इसके तहत त्‍वरित निवेश और अमल के जरिये निरंतर क्षमता वृद्धि पर विशेष बल दिया जा रहा है। बजट भाषण में रेलवे से जुड़े पांच उपायों पर प्रकाश डाला गया है :-


1.       रेल की पटरियों के आस-पास और रेलवे के स्‍वामित्‍व वाली भूमि पर व्‍यापक सौर ऊर्जा क्षमता स्‍थापित करना। एक प्रस्‍ताव विचाराधीन है।


2.       चार रेलवे स्‍टेशन पुनर्विकास परियोजनाओं के साथ-साथ 150 यात्री ट्रेनों का परिचालन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये होगा। निजी भागीदारी को आमंत्रित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।


3.      ‘तेजस’ की तरह की कई और रेलगाडि़यां दर्शनीय पर्यटन स्‍थलों को आपस में कनेक्‍ट करेंगी।


4.      मुम्‍बई और अहमदाबाद के बीच हाई स्‍पीड ट्रेन चलाने से जुड़े कार्यों में तेजी लाई जाएगी।


5.      18,600 करोड़ रुपये की लागत वाली 148 किलोमीटर लंबी बेंगलुरू उपनगरीय परिवहन परियोजना को कार्यान्वित किया जाएगा, जिसमें मेट्रो मॉडल की तर्ज पर किराया होगा। केन्‍द्र सरकार 20 प्रतिशत इक्विटी मुहैया कराएगी, जबकि कुल परियोजना लागत के 60 प्रतिशत तक की बाह्य सहायता उपलब्‍ध कराई जाएगी।


 


इस प्रयोजन को ध्‍यान में रखकर सरकार ने सुरक्षा, स्‍पीड और यात्रियों को दी जाने वाली सेवाओं पर फोकस करते हुए निवेश बढ़ा दिया है और अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकी पर अमल शुरू कर दिया है। वित्‍त वर्ष 2020-21 के लिए भारतीय रेलवे का पूंजीगत खर्च 1,61,042 करोड़ रुपये तय किया गया है, जो अब तक का सर्वकालिक उच्‍चतम स्‍तर है। वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए पूंजीगत खर्च 1,56,352 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17.2 प्रतिशत अधिक है। वित्‍त वर्ष 2020-21 के लिए नई लाइनों, आमान परिवर्तन और लाइनों के दोहरीकरण/तिहरीकरण, इत्‍यादि का लक्ष्‍य 3750 रूट किलोमीटर है, जबकि वित्‍त वर्ष 2019-20 में लक्ष्‍य 3150 रूट किलोमीटर है। वित्‍त वर्ष 2023-24 तक बड़ी लाइन वाले समूचे नेटवर्क का विद्युतीकरण पूरा हो जाएगा। वित्‍त वर्ष 2020-21 में 6,000 रूट किलोमीटर के विद्युतीकरण का लक्ष्‍य रखा गया है। बजट अनुमान 2020-21 में भारतीय रेलवे का माल ढुलाई लक्ष्‍य 1265 एमटी तय किया गया है, जो संशोधित अनुमान 2019-20 की तुलना में 42 एमटी अर्थात 3.4 प्रतिशत अधिक है। औसत माल संचालन 553 तय किया गया है और मूल स्‍थान से यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों की संख्‍या का लक्ष्‍य 8792 मिलियन तय किया गया।


      रेलवे ने अब सिग्नलिंग एवं दूरसंचार प्रणाली के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी को शामिल करने की योजना बनाई है। रेलवे सिग्‍नलिंग प्रणाली की आधुनिकीकरण योजना के तहत भारतीय रेलवे से जुड़ी केन्‍द्रीकृत यातायात नियंत्रण (सीटीसी) प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इससे परिचालन क्षमता बढ़ जाएगी। प्रथम चरण में सीटीसी को आठ जोनल रेलवे में 1830 किलोमीटर हिस्‍से पर कार्यान्वित किया जाएगा। इसे उन अनुभागों में कार्यान्वित किया जाएगा, जहां स्‍वचालित ब्‍लॉक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम उपलब्‍ध कराया गया है।  दूसरे चरण में सीटीसी को स्‍वचालित ब्‍लॉक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम के साथ शेष आठ जोनल रेलवे में कार्यान्वित किया जाएगा। सरकार ने दशकों पुरानी सिग्‍नलिंग प्रणाली का उन्‍नयन कर इसे एक स्‍वचालित ट्रेन संरक्षण प्रणाली में तब्‍दील करने का काम शुरू कर दिया है, जो अपनी उपयोगिता पहले ही साबित कर चुकी अंतर्राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी और स्‍वदेश में विकसित प्रणालियों का संयोजन होगी और इसके तहत ‘मेक इन इंडिया’ पर विशेष जोर होगा।


      दूध, मांस एवं मछली सहित जल्‍द खराब होने वाली वस्‍तुओं हेतु एक निर्बाध राष्‍ट्रीय कोल्‍ड सप्लाई चेन बनाने के लिए रेलवे में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे पीपीपी व्‍यवस्‍थाओं के तहत एक ‘किसान रेल’ का आगाज करेगी। एक्‍सप्रेस एवं माल ढुलाई ट्रेनों में प्रशीतित कोच या डिब्‍बे होंगे।   


 


भारतीय रेलवे के पूंजीगत खर्चराजस्‍व प्राप्तियोंराजस्‍व खर्च और परिचालन अनुपात का उल्‍लेख नीचे किया गया है :-


 


भारतीय रेलवे का पूंजीगत खर्च :


·         पूंजीगत खर्च 1,61,042 करोड़ रुपये है,  जो 2019-20 के संशोधित अनुमान से 4690.03 करोड़ रुपये या 2.99 प्रतिशत अधिक है।


·         सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) (निर्भया कोष को छोड़कर) 70,000 करोड़ रुपये है, जिसमें राष्‍ट्रीय रेल संरक्षा कोष (आरआरएसके) से जुड़े 5,000 करोड़ रुपये और केन्‍द्रीय सड़क एवं अवसंरचना कोष से भारतीय रेलवे की हिस्‍सेदारी के रूप में 18,500 करोड़ रुपये शामिल हैं। वित्‍त वर्ष 2020-21 में जीबीएस वित्‍त वर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमान से 3.19 प्रतिशत अधिक है।


·         निर्भया कोष 250 करोड़ रुपये का है।


·         आंतरिक संसाधन 7,500 करोड़ रुपये हैं (मूल्‍यहृास आरक्षित कोष  - 1000 करोड़ रुपये, विकास कोष -1500 करोड़ रुपये और आरआरएसके – 5,000 करोड़ रुपये)


·         बजट से इतर संसाधन –आईआरएफसी 30,000 करोड़ रुपये है।


·         बजट से इतर संसाधन – संस्‍थागत वित्‍त 28,000 करोड़ रुपये है।


·         बजट से इतर संसाधन – पीपीपी 25,292 करोड़ रुपये है।


 


भारतीय रेलवे की राजस्‍व प्राप्तियां –


·         यात्रियों से आमदनी 61,000 करोड़ रुपये है।


·         माल ढुलाई से कमाई 1,47,000 करोड़ रुपये है।


·         अन्‍य कोचिंग आय और अन्‍य विविध आय क्रमश: 6,500 करोड़ रुपये और 11,013 करोड़ रुपये है।


·         सकल यातायात प्राप्तियां 2,25,613 करोड़ रुपये हैं, जो वित्‍त वर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमान से 9.6 प्रतिशत अधिक हैं।


·         विविध प्राप्तियां 300 करोड़ रुपये हैं।


·         इस तरह से भारतीय रेलवे की कुल प्राप्तियां 2,25,913 करोड़ रुपये आंकी गई हैं।


भारतीय रेलवे का राजस्‍व खर्च :


·         सामान्‍य कार्यकलाप से जुड़ा खर्च (ओडब्‍ल्‍यूई) 1,62,753 करोड़ रुपये है।


·         डीआरएफ के लिए विनियोग 800 करोड़ रुपये है।


·         राजस्‍व मद से पेंशन फंड के लिए विनियोग 53,160 करोड़ रुपये है।


·         विविध व्‍यय 2,700 करोड़ रुपये है।


·         इस प्रकार भारतीय रेलवे का कुल राजस्‍व खर्च 2,19,413 करोड़ रुपये तय किया गया है।    


भारतीय रेलवे का परिचालन अनुपात :


·         परिचालन अनुपात 96.28 प्रतिशत है, जबकि वित्‍त वर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमान में यह 97.46 प्रतिशत है। इस तरह से व्‍यय की तुलना में राजस्‍व विशुद्ध रूप से 6,500 करोड़ रुपये है, जिसे भारतीय रेलवे के पूंजीगत खर्च के पूरक हेतु  डीएफ (1500 करोड़ रुपये) और आरआरएसके (5000 करोड़ रुपये) के लिए विनियोग किया गया है। 


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