भारत सरकार द्वार हाल ही में सुश्री सिंधु को पद्म भूषण और अन्य दो गणमान्यों को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना की। इन तीन पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित करने का उद्देश्य अन्य व्यक्तियों को भी उनसे प्रेरणा देना है। श्री नायडू ने कहा कि प्रतिभा को पहचानना और सम्मानित करना भारतीय संस्कृति की मान्यता का एक अंग है।
इस अवसर पर एक चिकित्सा शिविर का उद्घाटन करते हुए श्री नायडू ने देश में गैर-संचारी रोगों के बढ़ते हुए मामलों पर अपनी चिंता व्यक्त की और चिकित्सकों एवं मीडिया से लोगों, विशेष रूप से युवाओं में जागरूकता लाने के लिए विशेष कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि गतिहीन जीवन शैली और अस्वास्थ्यकर भोजन की आदतें ही मुख्य रूप से गैर-संचारी रोगों के लिए जिम्मेदार हैं। उपराष्ट्रपति ने युवाओं से जंक फूड खाने से बचने और फिट रहने के लिए प्रतिदिन शारीरिक गतिविधि करने का आग्रह किया।
सभी के लिए अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए फिट इंडिया, योग और स्वच्छ भारत मिशन जैसे कार्यक्रमों से जुड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री नायडू ने युवाओं से इन कार्यक्रमों को अपनाने और इन्हें जन आंदोलनों का रुप देने का आह्वान किया।
उन्होंने प्रकृति के साथ जुड़कर रहने और जल संरक्षण के प्रयासों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने युवाओं से हिंसा में लिप्त लोगों का समर्थन नहीं करने के साथ-साथ जीवन में सकारात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए तीन शब्दों के मंत्र ‘रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म’ का संदर्भ देते हुए, श्री नायडू ने युवाओं से देश के परिवर्तन की दिशा में सभी क्षेत्रों में कार्य करने की अपील की।
इस अवसर पर, स्वर्ण भारत ट्रस्ट में अपने पाठ्यक्रम पूर्ण करने वाले प्रशिक्षुओं को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए गए।
इस अवसर पर स्वर्ण भारत ट्रस्ट के अध्यक्ष, श्री कामिनेनी श्रीनिवास और स्वर्ण भारत ट्रस्ट हैदराबाद क्षेत्र के अध्यक्ष, श्री कृष्ण प्रसाद भी उपस्थित थे।
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