वित्त मंत्री ने युवा उद्यमियों को अंतिम छोर तक सुविधा एवं सहायता मुहैया कराने के लिए एक निवेश क्लियरेंस प्रकोष्ठ स्थापित करने और बाधाओं को दूर करने की घोषणा की। उन्होंने पीपीपी मॉडल के तहत राज्यों के सहयोग से पांच नई स्मार्ट सिटी विकसित करने का भी प्रस्ताव दिया। शहरों का चयन उपरोक्त सिद्धांतों के लिए बेहतरीन विकल्पों के आधार पर किया जाएगा।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण उद्योग काफी प्रतिस्पर्धी है और उसमें रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत को घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला में बड़े निवेश आकर्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सेमी-कंडक्टर पैकेजिंग के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए एक योजना की घोषणा की। उन्होंने तकनिकी कपड़ा क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनाने के लिए एक राष्ट्रीय तकनिकी कपड़ा मिशन शुरू करने का प्रस्ताव दिया। इसकी कार्यान्वयन अवधि 2020-21 से 2023-24 तक चार वर्षों की होगी और इसका अनुमानित व्यय 1480 करोड़ रुपए होगा।
वित्त मंत्री ने गुणवत्ता एवं मानक के संदर्भ में लाल किले से प्रधानमंत्री के संबोधन का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने ‘जीरो डिफेक्ट – जीरो इफेक्ट’ विनिर्माण की बात कही। उन्होंने कहा कि पूरे साल के दौरान सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक संबंधी आदेश जारी करेंगे।
वित्त मंत्री ने अधिक निर्यात ऋण वितरण के लिए एक नई योजना निर्विक के लिए की घोषणा की। इसके तहत छोटे निर्यातकों के लिए अधिक बीमा कवरेज और प्रीमियम में कमी के प्रावधान के साथ दावों के निपटान की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि पांचवें वर्ष के अंत तक इस योजना से करीब 30 लाख करोड़ रुपए के निर्यात को मदद मिलने की उम्मीद है। उन्होंने निर्यातकों के लिए केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर पर शुल्कों एवं करों जैसे बिजली शुल्क और परिवहन के लिए इस्तेमाल ईंधन पर वैट आदि के डिजिटल रिफंड व्यवस्था की घोषणा की। इस प्रकार के शुल्कों में किसी अन्य मौजूदा व्यवस्था के तहत रिफंड अथवा छूट नहीं दी जाती है।
श्रीमती निर्मला सीतारण ने वस्तुओं, सेवाओं और कार्यों की एकीकृत खरीद प्रणाली स्थापित करने के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने जीईएम के कुल कारोबार को 31 लाख करोड़ रुपए रखने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने वर्ष 2020-21 में उद्योग एवं वाणिज्य के विकास एवं संवर्द्धन के लिए 27300 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने का प्रास्तव दिया।
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