मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने स्वीडन के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, शांतिपूर्ण, समावेशी, सुलभ, नैतिक और सहभागी चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भारत में हुए पिछले राष्ट्रीय चुनावों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के आधुनिक साधनों का उपयोग करते हुए पिछले लोकसभा चनावों और हाल ही में संपन्न राज्य विधान सभा चुनावों में चुनावी प्रक्रिया को बाधामुक्त और मतदाताओं के अनुकूल बनाने के लिए कई नवीन उपाय किए गए। उन्होंने कहा कि दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मतदान को सुलभ करने पर विशेष ध्यान दिया गया था। श्री अरोड़ा ने मेहमान सांसदों और अधिकारियों को चुनाव आयोग के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी। इसमें नई दिल्ली में भारत ए-वेब (एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज) सेंटर की स्थापना शामिल है जहां 115 सदस्यीय संघ के साथ बेहतर कार्यप्रणाली साझा करने और उसकी क्षमता निर्माण के उद्देश्य से प्रलेखन, अनुसंधान और प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भविष्य में स्वीडन चुनाव प्राधिकरण के साथ काम करने को उत्सुक है।
चुनाव आयुक्त श्री अशोक लवासा ने कहा कि आयोग ने लोकतंत्र की प्रगति को फैलाने के लिए कई कदम उठाए हैं। चुनाव आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने प्रतिनिधिमंडल को चुनाव में धनशक्ति के उपयोग को रोकने के लिए आयोग द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
रिक्सदग में संविधान समिति की अध्यक्ष और सांसद सुश्री करिन एनस्ट्रोम ने स्वीडन के प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी के साथ स्वागत करने के लिए आयोग का धन्यवाद किया। उन्होंने स्वीडन की चुनावी प्रणाली के बारे में बताया, जहां एक साथ नगरपालिका, काउंटी और राष्ट्रीय चुनाव कराए जाते हैं। सुश्री एनस्ट्रॉम ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल भारतीय चुनावों के परिमाण और इसे संपन्न कराने के चुनाव आयोग के तरीकों से प्रभावित है।
चुनाव आयोग के महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने विश्व में सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया के प्रबंधन की संरचना और कामकाज के बारे में एक प्रस्तुति दी। स्वीडन के प्रतिनिधिमंडल के लिए संसदीय चुनाव-2019 पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
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