केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने उपर्युक्त सिस्टम की आधारशिला रखने के बाद दमनजोड़ी स्थित एमएंडआर परिसर में नाल्को के कर्मचारियों से बातचीत करते हुए कहा, ‘एक देश के रूप में हमारा लक्ष्य वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है और मुझे पूरा भरोसा है कि नाल्को इस विकास यात्रा में सफलता की एक गाथा होगी।’
उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि 96 प्रतिशत क्रोमाइट और 44 प्रतिशत मैंगनीज संसाधनों के अलावा देश के लगभग 51 प्रतिशत बॉक्साइट, 25 प्रतिशत कोयला और 34 प्रतिशत लौह अयस्क संसाधन ओडिशा में ही हैं। श्री जोशी ने कहा, ‘हमारी सरकार ने खनिज की दृष्टि से समृद्ध राज्यों में अंतर्निहित खनन संबंधी क्षमताओं का भरपूर उपयोग करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, ताकि देश के साथ-साथ इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी लाभान्वित हो सकें।’ उन्होंने इस क्षेत्र में खनन संबंधी कार्यकलापों में सहयोग देने के लिए राज्य सरकार की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास की गति को तेज करने में मदद मिलेगी।
इससे पहले श्री जोशी ने सोमवार को विशाखापत्तनम में नाल्को की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए उत्पादन स्तर बढ़ाने का निर्देश दिया, ताकि वार्षिक लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। उन्होंने लगातार चौथे वर्ष नाल्को के पूरे विश्व में बॉक्साइट और अल्युमिना की सबसे सस्ती उत्पादक कंपनी बनने पर खुशी जताई। उन्होंने एक सुदूरवर्ती क्षेत्र में परिचालन किए जाने से उत्पन्न चुनौतियों के बीच क्षमता उपयोग के लिए भी नाल्को की सराहना की।
केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने कोरापुट जिले में स्थित पंचपटमाली बॉक्साइट खदान का भी दौरा किया। एशिया की सबसे बड़ी बॉक्साइट खदान यही है जिसमें लगभग 310 मिलियन टन बॉक्साइट का भंडार है।
नेशनल अल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) भारत सरकार के खान मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न सीपीएसई (केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) है, जिसका मुख्यालय ओडिशा के भुवनेश्वर में है। यह कंपनी एशिया के सबसे बड़े एकीकृत बॉक्साइट – अल्युमिना – अल्युमिनियम – पावर काम्प्लेक्सो में से एक है।
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