प्रतिभागियों के साथ बातचीत करते हुए श्री पीयूष गोयल ने जनजातीय उत्पादों के लिए घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के बाजारों का विस्तार करने के लिए सभी हितधारकों से सुझाव और सहयोग की मांग की तथा जनजातीय उत्पादों के व्यापार के प्रति अपने सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि सरकार मेक-इन-इंडिया उत्पादों और ट्राइब्स इंडिया, हथकरघा और खादी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इन सभी को विभिन्न साधनों के जरिए बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि ट्राइफेड आर्थिक रूप से सक्रिय महिला शिल्पियों और पुरुष शिल्पियों तथा सूक्ष्म उद्यमिता में संलग्न वनों में रहने वाली जनजातियों के लोगों सहित बहुत विशाल जनजातीय परिवार के रूप में विकसित हो चुका है। ऐसे में घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के बाजारों का विस्तार किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण हो चुका है।
कार्यशाला में भाग लेने वाले फिक्की, सीआईआई, एसोचैम, डीआईसीसीआई के प्रतिनिधियों, शीर्ष विज्ञापन परामर्शदाताओं, शीर्ष डिजाइनरों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित अनेक प्रतिभागियों ने जनजातीय उत्पादों के लिए बाजार को घरेलू साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक बनाने के बारे में अपने विचार साझा किए।
श्री प्रवीर कृष्णा ने कहा कि विभिन्न हितधारकों, प्रमुख राष्ट्रीय संस्थाओं, सामाजिक क्षेत्र और सभी प्रमुख उद्योगपतियों के प्रयासों की एकजुट करने तथा जनजातीय उत्पादों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन देने के एकल लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने जनजातीय उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए ट्राइफेड और जन जातीय कार्य मंत्रालय के नए कदमों की ओर ध्यान आकृष्ट किया।
ट्राइफेड ने अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समग्र कार्ययोजना तैयार की है। फिक्की, एसोचैम, डीआईसीसीआई, सीआईआई के प्रतिनिधियों ने ट्राइफेड के प्रति समर्थन व्यक्त किया और कहा कि वे सहयोगपूर्ण प्रयासों से कोर्पोरेट उपहारों, अपने कार्पोरेट कार्यालयों में जनजातीय भित्तीचित्रों/ डिस्प्लै के लिए स्थान, अपने रिटेल आउटलेट्स में रैक स्पेस, फ्रैन्चाइज़ साझेदारियों आदि के माध्यम से ट्राइब्सइंडिया उत्पादों की लोकप्रियता को और भी बल प्रदान करेंगे।
ट्राइफेड जनजातीय उत्पादों के डिजाइन और विपणन क्षमता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एनआईडी, निफ्ट जैसे उत्कृष्ट संस्थानों के साथ ही साथ सर्वश्रेष्ठ भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फैशन का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिष्ठित वैश्विक फैशन डिजाइनरों के साथ सहयोग कर रहा है। कार्यशाला में भाग लेने वाले डिजाइन संस्थानों के अधिकारियों ने कहा, "हम जनजातीय आजीविका सृजन के उद्देश्य का पुरजोर समर्थन करते हैं और ट्राइफेड के साथ भागीदारी करके हम उत्पाद संवर्द्धन और ट्राइब्सइंडिया को घर-घर में लोकप्रिय बनाने में मदद करेंगे।"
ट्राइफेड का उद्देश्य देश विदेश में जनजातीय हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी विभागों के साथ साझेदारी करके उपहारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों में ट्राइब्स इंडिया के कियोस्क स्थापित करना है। उद्योग संघों, विभिन्न कॉर्पोरेट्स और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने ट्राइफेड के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और भविष्य के लिए अपनी योजनाओं को साझा किया।
जनजातीय आजीविका सृजन के प्रति ट्राइफेड के प्रयासों को वित्त मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री और गृह मंत्री द्वारा विशेष उल्लेख सहित भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से सराहना प्राप्त हुई है। विश्व आर्थिक मंच में वाणिज्य मंत्री, शिपिंग राज्य मंत्री, अन्य अधिकारियों सहित भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने विदेशी गणमान्य हस्तियों को ट्राइब्स इंडिया के उत्पाद उपहार स्वरूप दिए। वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध इस सम्मेलन का आयोजन 20-25 जनवरी 2020 को स्विट्जरलैंड के दावोस में हुआ था।
ट्राइफेड ने पिछले तीन वर्षों में 120 आउटलेट्स के साथ पूरे देश में अपने नेटवर्क को व्यापक रूप से बेहतर बनाया है, इनमें से 72 आउटलेट्स का स्वामित्व और उनके संचालन का दायित्व ट्राइफेड के पास है। ट्राइब्स इंडिया के आउटलेट्स चेन्नई, जयपुर, अहमदाबाद, उदयपुर, कोयम्बटूर, तिरुवनंतपुरम, पुणे, गोवा, कोलकाता के हवाई अड्डों पर पहले से ही चालू हैं। ट्राइफेड ने अपनी वेबसाइट (www.tribesindia.com) के साथ अपनी ई-कॉमर्स रणनीति को भी प्रबल रूप से आगे बढ़ाया है और यह फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, पेटीएम, अमेजॉन आदि अन्य प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टल पर मौजूद है। सरकारी संस्थागत खरीद पर जोर देने के लिए ट्राइब्सइंडिया की सरकारी ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) में उपस्थिति है। ट्राइब्सइंडिया के उत्पादों और देश की जनजातीय विरासत के विस्तार के प्रयासों के तहत देश भर के विभिन्न शहरों में अन्य प्रदर्शनियों के साथ-साथ आदि महोत्सव जैसे राष्ट्रीय स्तर के जनजातीय त्यौहार आयोजित किए जा रहे हैं।
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