Tuesday, February 18, 2020

शिवरात्रि विशेष

जगत के पालनहारी

जय जय जय भोले भंडारी।

 

ललाट चंद्र, जटा गंग

मुख तेज, नेत्र त्रिअंग

 

हाथ त्रिशूल डमरू

मृगछाल पडे अंग।

 

 शरीर लगे भस्म 

 साँप लेटे संग

 भूत पिशाच की यारी

भांग धथूर लगे प्यारी

 ऐसे हैं भोले भंडारी।

 

उनकी महिमा कोई न जाने

पर सभी उन्ही को माने

सबको संकट से उबारे

बोले जय भोले भंडारी।

 

देवताओं में श्रेष्ठ 

करते चमत्कार अनेक

पालनकर्त्ता दुखहर्त्ता

इनको बनाते सर्वश्रेष्ठ।

 

शिव -शक्ति का मिलन दिवस

महाशिवरात्रि कहलाता है

वसंत में प्रकृति भी हर वर्ष

सदियो से संग महाशिवरात्रि मनाता है।

 

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