श्री सिंह ने कहा "सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन का ऐतिहासिक निर्णय उस समय ही आ गया था जब पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि महिलाओं को सेना पुलिस में शामिल किया जाएगा। सेना पुलिस में महिलाओं की भर्ती प्रक्रिया 2019 से शुरू हो चुकी है। इसका उद्देश्य अपराधों की जांच के अलावा आवश्यकतानुसार सैन्य अभियानों में मदद के लिए महिला अधिकारियों की भूमिका तय करना है।"
रक्षा मंत्री ने कहा, " ऐसे कई उदाहरण हैं जहां कुछ महिला अधिकारियों ने सेना में करीब 20 वर्ष के लंबे समय तक अपनी सेवा दी है। 2019 में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की सभी 10 शाखाओं में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन की अनुमति दी थी जिसमें सिग्नल सैन्य दल, इंटेलिजेंस, विमानन, इंजीनियरिंग, सेवा और आर्डिनेंस कोर शामिल है।"
उन्होंने कहा 2016 से पहले केवल 2.5 प्रतिशत महिलाएं भारतीय सशस्त्र सेनाओं में शामिल थीं और इसमें भी उन्हें युद्ध क्षेत्र में तैनात नहीं किया जाता था।
रक्षा मंत्री ने बताया कि जनवरी 2019 तक सेना में महिलाओं की संख्या कुल सैन्य बल का 3.89 प्रतिशत जबकि जून 2019 तक नौसेना और वायुसेना में यह क्रमश 6.7 और 13.28 प्रतिशत थी। जून 2019 तक वायुसेना के सभी विभागों में महिलाओ की नियुक्ति हो चुकी थी। ऐसा उनकी नियुक्ति के लिए समय समय पर जारी की गई शर्तों के अनुरूप किया गया।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा ‘’ भारत सरकार सशस्त्र सेनाओं में 'स्त्री शक्ति' को मजबूत बनाने का काम कर रही है और हम इस दिशा में ओर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं.।"
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