दैनिक अयोध्या टाइम्स संवाददाता,रामपुर- सोमवार रजा रायबरेली के दरबार हार में इंडो उजबेक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। भारत और उज्बेकिस्तान की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इंडो-उज्बेक प्रदर्शनी लगाई गई।प्रदर्शनी का उद्घाटन फरोद अरजेव एवं सैयद हसन अब्बास के द्वारा किया गया। रजा रायबरेली के डायरेक्टर सैयद हसन अब्बास ने सभी का आभार व्यक्त किया। इसमें शामिल होने आए उज्बेकिस्तान के राजदूत और फरोद अरजेव लाइब्रेरी के किताबी खजाने को देख दंग रह गए। बोले यह सब बेशकीमती है। उन्होंने लाइब्रेरी में लगी प्रदर्शनी के बारे में कहा कि इससे दोनों देशों की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।लाइब्रेरी के दरबार हाल में सोमवार को 11 बजे प्रदर्शनी शुरू हुई। यह 10 फरवरी तक चलेगी। इसका शुभारंभ राजदूत ने किया। इसमें उज्बेकिस्तान की संस्कृति से संबंधित पांडुलिपियों और पेंटिग्स को लगाया गया है। इसमें वहां के पहनावे, शिक्षा और संस्कृति को फोकस किया गया है। राजदूत ने इसे देखने के साथ ही लाइब्रेरी के किताबी खजाने को भी देखा। यहां हजरत अली के हाथ से हिरन की खाल पर लिखी कुरआन भी है। इसे देख राजदूत दंग रह गए।बोले कमाल है, इतने लंबे समय से यह कुरआन पूरी तरह महफूज रखी हुई है। इसे इतना सहेज कर कैसे रखा गया है, इसके बारे में जानकारी की और फिर लाइब्रेरी में किताबों के संरक्षण के लिए बनी संरक्षणशाला में भी गए। इसके बाद मीडिया से बात की। बोले लाइब्रेरी के किताबी खजाने को देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई।वह करीब चार घंटे रजा लाइब्रेरी में रुके। लाइब्रेरी में ही मशहूर शायर अजहर इनायाती का सम्मान किया गया। उन्हे पिछले माह कारवाने उर्दू कतर की ओर से सम्मानित किया गया था। इसी उपलक्ष्य में उन्हे लाइब्रेरी ने बी सम्मानित किया।इस मौके पर लाइब्रेरी के डायरेक्टर प्रोफेसर हसन अब्बास, अबूसाद इस्लाही, सैयद तारिक अजहर, सैयद नवेद कैशर, हिमांशु सिंह, समन बी आदि रहे।
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