वाराणसी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक केंद्र में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के स्मारक स्थल के साथ स्वयं को जोड़कर आज यह क्षेत्र अपने नाम ‘पडाव’ के महत्व को और ज्यादा मजबूती प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्थान ऐसे मंच के रूप में विकसित होगा, जहां सेवा, बलिदान, न्याय और जनहित सब एक स्थान पर होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह स्मारक स्थल और उपवन, और यहां स्थापित भव्य प्रतिमा भावी पीढि़यों को नैतिकता और दीनदयाल जी के विचारों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करती रहेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जी ने हमें अंत्योदय का मार्ग दिखाया, जो समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विचार से प्रेरणा पाकर 21वीं सदी का भारत अंत्योदय के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र अवसर पर लगभग 1250 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है, जो वाराणसी सहित समूचे पूर्वांचल को लाभान्वित करेंगी। उन्होंने कहा, ‘ये सभी परियोजनाएं काशी सहित समूचे पूर्वांचल में पिछले पांच वर्ष से जारी पुनरुद्धार के संकल्प का भाग हैं। इन वर्षों में वाराणसी जिले में 25 हजार करोड़ रुपये मूल्य के विकास कार्यों को पूर्ण किया गया है या वे प्रगति पर हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने सड़कों, राजमार्गों, जलमार्गों, रेलवे, विशेषकर ढांचागत सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, ‘ये विकास कार्य न सिर्फ राष्ट्र को आगे ले जा रहे हैं, बल्कि रोजगार के अवसरों, विशेषकर पर्यटन आधारित रोजगार के अवसरों का भी सृजन कर रहे हैं, जिनकी काशी और आसपास के क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं।’ उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति यहां आए थे और वह यहां के दिव्य वातावरण से मंत्रमुग्ध हो गए थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पावन अवसर पर बाबा विश्वनाथ के शहर को ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर के साथ जोड़ने वाली महाकाल एक्सप्रेस को भी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। बीएचयू में 2016 की दूसरी छमाही में जिस सुपर- स्पैशल्टी अस्पताल का शिलान्यास किया गया था, उसका अब उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहा, ‘मात्र 21 महीनों में, यह 430 बिस्तरों वाला अस्पताल काशी और पूर्वांचल की जनता की सेवा करने के लिए तैयार है।‘’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी योजनाओं के केंद्र में आत्मनिर्भरता और आत्म-सहायता होने संबंधी दीनदयाल जी के विचारों के अनुरूप, सरकारी योजनाओं और सरकार की संस्कृति में इन विचारों को शामिल करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री इस बात पर बल दिया कि सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास के लाभ पहुंचाने के लिए उस तक पहुंच बनाने का निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘’अब परिस्थिति बदल रही है और अब समाज के अंतिम व्यक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।‘’
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