उन्होंने कहा, "मैं प्रौद्योगिकी के माध्यम से आप के साथ जुड़ रहा हूं, लेकिन वहां के उत्साह, जुनून और ऊर्जा के वातावरण की अनुभूति मैं प्राप्त कर सकता हूं। भारत के इतिहास में पहले ‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स’की शुरूआत आज ओडिशा में हो रही है। यह भारत के खेल के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। यह भारत में खेलों के भविष्य के लिए भी एक बड़ा कदम है।“
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेले इंडिया अभियान खेल के प्रति रुचि को बढ़ावा देने और देश के प्रत्येक कोने से युवा प्रतिभाओं की पहचान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2018 में जब खेले इंडिया गेम्स की शुरुआत हुई थी, तब इसमें 3,500 खिलाड़ियों ने भाग लिया था, लेकिन मात्र तीन वर्षों में ही खिलाड़ियों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 6 हजार से ज्यादा हो चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस वर्ष, खेलो इंडिया स्कूल्स गेम्स में 80 रिकॉर्ड तोड़े गए हैं, जिसमें से 56 रिकॉर्ड हमारी बेटियों के नाम हैं, हमारी बेटियों ने सफलता दर्ज की है, हमारी बेटियों ने चमत्कार दिखाया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अभियान के अंतर्गत आने वाली प्रतिभाएं बड़े शहर की नहीं, बल्कि छोटे शहरों की हैं।”
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि पिछले 5-6 वर्षों में, भारत में खेलों को प्रोत्साहित करने और उसमें भागीदारी बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। प्रतिभाओं की पहचान करने, प्रशिक्षण देने और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ये वो खिलाड़ी हैं जिनका टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने की संभावना है। इस योजना के माध्यम से लाभान्वित होने वाले खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों, एशियाई पैरा खेलों, युवा ओलंपिक जैसे कई खेल आयोजनों में देश को 200 से ज्यादा पदक दिलवाए हैं। आने वाले दिनों में, 200 से ज्यादा स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य है, और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने प्रदर्शन में सुधार करें और अपनी क्षमता को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएं।“
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