अपने समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने अधिकांश संसद सदस्यों के सुझावों का स्वागत किया कि सत्र को देश की आर्थिक स्थिति पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर संसद सदस्यों ने देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए कहा हैं। मैं इसका स्वागत करता हूं और हमें आपके द्वारा सुझाए गए आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे देखें कि देश मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से कैसे लाभान्वित हो सकता है।
उन्होंन कहा कि हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम वैश्विक परिदृश्य को भारत के पक्ष में कैसे मोड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस बजट सत्र में और नये साल की शुरुआत में अगर हम देश की अर्थव्यवस्था को सही दिशा दे सकते हैं, तो यह देश के लिए बेहतर होगा।
सदस्यों द्वारा उठाये गये अन्य मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपके द्वारा उठाये गये अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर आप सभी से सहमत हूं। और मैं कहना चाहूंगा कि ऐसे सभी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे सत्र और संसद की उपयोगिता बढ़ाने में योगदान दें।
पिछले दो सत्रों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र और संसद की उपयोगिता के बारे में है। पिछले दो सत्रों में हमने बढ़ी हुई उपयोगिता और इसके पक्ष में लोगों की प्रतिक्रिया को देखा है। जन प्रतिनिधियों के रूप में, सदन की उपयोगिता को बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है, हालांकि हम सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा करते हैं।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रहलाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन सहित सभी दलों के सदस्य बैठक में शामिल हुए।
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