Friday, February 21, 2020

निर्वाचन आयोग ने लंबित चुनावी सुधारों पर विधायी विभाग से विचार-विमर्श किया

निर्वाचन आयोग ने आज लंबित चुनावी सुधारों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग के साथ विस्तार से विचार-विमर्श किया। मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त श्री अशोक लवासा, श्री सुशील चंद्रा और ईसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक के दौरान विभाग के सचिव नारायण राजू के साथ ही अपर सचिव रीता वशिष्ठ के साथ मुलाकात की।



सीईसी श्री सुनील अरोड़ा ने विधि सचिव और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों का स्वागत करते हुए 80 साल से ज्यादा समय तक पीडब्ल्यूडी और मतदाताओं के साथ ही ईसीआई की सिफारिश पर चुनाव नियमों के संचालन से संबंधित नियमों में संशोधन के द्वारा आवश्यक सेवाओं से जुड़े मतदाताओं को डाक मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आभार प्रकट किया। श्री अरोड़ा ने इस बात का उल्लेख किया कि चुनावी सुधार के 40 से ज्यादा विभिन्न प्रस्ताव लंबे समय से लंबित हैं और आयोग इस समय इनमें से कुछ प्रस्तावों पर चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘आयोग सभी लंबित प्रस्तावों पर आगे काम करने के लिए नियमित अंतराल पर विधायी विभाग के साथ ऐसी ही बैठकें करना चाहेगा।’


बैठक के दौरान जिन मसलों पर चर्चा हुई, इस प्रकार हैं : किसी एक साल में मतदाता बनने के लिए पात्रता की तारीख एक से ज्यादा हो, मतदाता पहचान पत्र से आधार को जोड़ना, पेड न्यूज और झूठे शपथ पत्र को चुनावी अपराध / भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में लाना, प्रकाशन मीडिया और सोशल मीडिया को आरपी अधिनियम, 1951 की धारा 126 के दायरे में लाना, सेवा मतदाता की श्रेणी में महिला सेवा अधिकारियों को जीवनसाथी के रूप में मतदाता पंजीकरण की सुविधा देने के लिए आरपी अधिनियम, 1951 में ‘पत्नी’ की जगह ‘जीवन साथी’ शब्द को शामिल करना, अंशदान प्रपत्र में संशोधन। बैठक के दौरान श्री राजू ने भरोसा दिलाया कि वे पहले ही इन प्रस्तावों का परीक्षण कर चुके हैं।




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