Friday, February 21, 2020

नीति आयोग ने एपीआई (सक्रिय औषधी सामग्री) उद्योग पर बैठक की

एपीआई (सक्रिय औषधी सामग्री) उद्योग में तेजी लाने के लिए आज नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान औषधी विभाग ने एपीआई उद्योग के इतिहास और मौजूदा स्थिति सहित इसकी चुनौतियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में भारत को प्रारंभिक, माध्यमिक और सक्रिय औषधी सामग्री का केन्द्र बनाने के मौजूदा विभिन्न विकल्पों के बारे में भी जानकारी दी गई। औषधी विभाग ने अपना दृष्टिकोण और देश में बड़े औषधी पार्कों को बढ़ावा देने की हालिया कोशिशों के बारे में जानकारी साझा की। बैठक में पर्यावरण मंजूरी से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की गई। इसमें एपीआई उद्योग को जल्द अनुमोदन का वादा किया गया।  


इस बैठक में औषधी विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिवों और व्यय विभाग, रसायन एवं पेट्रोरयासन विभाग, नीति आयोग, औषध विभाग और सीडीएससीओ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में डॉक्टर किरण मजूमदार शाह (बायोकॉन), डॉ. पंकज पटेल (जाइडस), डॉ. सतीश रेड्डी (डॉ. रेड्डी लेबोरेट्रीज) जैसी औषधी उद्योग की हस्तियों और सनफार्मा, अरबिन्दो, जुबलियंट लाइफ साइंसेस, सिप्ला, माइलन, अलेंबिक एवं थेमिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। बल्क ड्रग मैन्यूफेक्चरर्स एसोसिएशन, इंडियन ड्रग मैन्यूफेक्चरर्स एसोसिएशन और इंडियन फार्मास्यूटिकल्स एलायंस के अध्यक्ष भी बैठक में मौजूद रहे।


तेलंगाना के प्रधान सचिव (उद्योग) ने तेलंगाना सरकार द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रोत्साहनों की चर्चा की और हैदराबाद फार्मासिटी में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना करने के लिए एपीआई उद्योग को आमंत्रित किया।


बैठक में शामिल औषधी उद्योग की हस्तियों ने उद्योग के हालात पर अपने दृष्टिकोण साझा किए और सरकार द्वारा लिए जाने लायक विभिन्न उपायों का सुझाव दिया।


नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगी बनने और परिचालन का वैश्विक स्तर हासिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उद्योग के प्रयासों में मदद के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।     



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