अमेठी जिलाधिकारी के कड़े तेवर से अधिकारियों व कर्मचारियों के पसीने छूटने लगे हैं। जरा सी लापरवाही हुई कि निलंबन की प्रक्रिया शुरू।
मामला कुछ ये रहा कि ग्राम पंचायत गड़ेरी व मोचवा का आवंटन करते हुए जिलाधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश तिवारी व ग्राम पंचायत अधिकारी हरिलाल सोनी को कर दिया था लेकिन इन गांवों का चार्ज अनुराग यादव नहीं दे रहे थे। इतना ही नहीं, अनुराग यादव ने 14वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि को बीते 15 अगस्त 2019 से पीएफएमएस के माध्यम से भुगतान करने के आदेश को दरकिनार करते हुए उन्हें मनमानी तरीकों से चेकों के माध्यम से भुगतान किया व ग्राम पंचायत में कराए गए कार्यों को प्रिया साफ्टवेयर पर फ़ीड कराकर दैनिक व मासिक पुस्तिका को बन्द नहीं किया। मनमानी की हद तो तब हो गई जब बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए ग्राम पंचायतों खाता भी दूसरे बैंक में खुलवा दिया।
मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी अरूण कुमार ने अनुराग यादव, ग्राम पंचायत अधिकारी अनुराग यादव को निलंबित करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से संबद्ध के ए डी ओ पंचायत ब्लॉक भादर को जांच अधिकारी नियुक्त कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया।
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