धर्म की देवी
ममता की सागर माँ
अविरल धारा
गंगा गोदावरी
तीरथ प्रयाग माँ
सृष्टि की शक्ति
अधर्म की भक्षक
धर्म की रक्षक माँ
करूणा की सागर
सर्व गुण सम्पन्न
विश्व स्वरूपा
सिंह सवारी
दस भुजाएँ माँ
चक्र धारक
त्रिशूल धारक
पुस्तक कमल
वीणा वादक माँ
चंडी,काली
तारा,दुर्ग रूपा
महिषा सुर मर्दिनी
विक्राल रूपा माँ
जगदम्बा, गौरी
छिन्द मस्तिका
लक्ष्मी सरस्वती माँ
विद्या की देवी
धन-कौशल- कीर्ति
यश की देवी माँ
दुखहर्ता-पापहर्ता
कृपा-दृष्टि की सागर
भक्तों की कल्याण माँ
मानव- दानव
देवी-देवता
सबकी शक्ति माँ
तू अन्तर्यामी
तू आदि अनन्त
तेरे चरणों में है जन्नत
तेरी सेवा सबको दुर्लभ माँ।
तू ही वेद पुराण
तू ही गीता कुरान
तू जगत जननी
तू जानकी तू राधा
तू रूक्मिणी
तू कण कण की माँ।
तेरे ही धरती
तेरा ही आकाश
तेरा ही सूरज चाँद माँ।
सांसो का चलना
हवा का बहना
समस्त जीवो का रहना
पाँच तत्वो की बनी शरीर
सब तेरा ही चमत्कार माँ।
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