Saturday, February 8, 2020

माँ

धर्म की देवी 

ममता की सागर माँ

 

अविरल  धारा 

गंगा गोदावरी

तीरथ प्रयाग माँ

 

सृष्टि की शक्ति 

अधर्म की भक्षक 

धर्म की रक्षक माँ

 

करूणा की सागर

सर्व गुण सम्पन्न

विश्व स्वरूपा

सिंह सवारी

दस भुजाएँ माँ

 

चक्र धारक

त्रिशूल धारक

पुस्तक कमल

वीणा वादक माँ

 

चंडी,काली

तारा,दुर्ग रूपा

महिषा सुर मर्दिनी 

विक्राल रूपा माँ

 

जगदम्बा, गौरी

छिन्द मस्तिका

लक्ष्मी सरस्वती माँ

 

विद्या की देवी

धन-कौशल- कीर्ति

यश की देवी माँ

 

दुखहर्ता-पापहर्ता

कृपा-दृष्टि की सागर

भक्तों की कल्याण माँ

 

मानव- दानव

देवी-देवता

सबकी शक्ति माँ

 

तू अन्तर्यामी

तू आदि अनन्त

तेरे चरणों में है जन्नत

तेरी सेवा सबको दुर्लभ माँ।

 

तू ही वेद पुराण

तू ही गीता कुरान

तू जगत जननी

तू जानकी तू राधा

तू रूक्मिणी 

तू कण कण की माँ।

 

तेरे ही धरती

तेरा ही आकाश

तेरा ही सूरज चाँद माँ।

 

सांसो का चलना

हवा का बहना

समस्त जीवो का रहना

पाँच तत्वो की बनी शरीर

सब तेरा ही चमत्कार माँ।

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