हरदोई । (अयोध्या टाइम्स)जिले में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था काफी बदहाल है दैनिक सामग्री नियमित रूप से ना आने के कारण छात्राओं को काफी असुविधा हो रही है । वहीं लेखाकार हरदोई की संलिप्तता के कारण राशन एक-एक माह विलंब से पहुंच रहा है बाद में वार्डनो से फर्जी रिपोर्ट लगवा कर उपभोग दर्शाया जाता है वही भवन की पुताई खानापूर्ति तक सीमित रहती है। जिले में एक ही विद्यालय में एक ही विषय की दो शिक्षिकाओं के कारण 9 माह से कई शिक्षिकाओं का मानदेय फंसा है मानदेय न मिलने के फलस्वरूप उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा है वहीं शिक्षिकाएं मनमाने तरीके से विद्यालय आती है उपस्थिति हेतु लगाई गई बायोमेट्रिक मशीन मात्र शोपीस बनी है
शासन प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण कई विद्यालयों में पूरा सत्र बीत जाने के बाद भी गणित के शिक्षक नहीं नियुक्त किए गए हैं जिसका नौनिहालों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार कस्तूरबा विद्यालयों की तरफ उदासीन बनी हुई है जबकि इन विद्यालयों में गरीब परिवार की बालिकाएं अध्ययन कार्य करती हैं विद्यालयों में कोई स्वास्थ्य टीम बालिकाओं की जांच हेतु नहीं आती है जिसके फल स्वरुप छात्राएं कई बीमारियों की चपेट में बनी रहती हैं इन विद्यालयों में सरकार द्वारा प्रतिमाह लाखों रुपया खर्च किया जाता है जिससे बालिकाएं आगे चलकर अपने पैरों पर खड़ी हो सके लेकिन जिम्मेदार एवं जिलास्तरीय अधिकारी सरकारी प्रयासों पर पानी फेर रहे हैं
गौरतलब है छात्राओं हेतु आने वाली सामग्री में फल,दूध,सब्जी आदि का भुगतान तीन तीन माह से लंबित है विभागीय अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नही है उन्हे केवल कमीशन खोरी से मतलब है ईमानदार एवं तेजतर्रार छवि के जिलाधिकारी जमीनी हकीकत से कोसों दूर रहकर अपनी पीठ थपथपाने का काम करते हैं एवं हकीकत से अनजान बने हुए हैं।
पूरे मामले की शिकायत जय हिंद जय भारत मंच ने अपर परियोजना निदेशक से की है।
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