श्री एंड्रियास श्लेचर ने पीआईएसए 2021 के लिए भारत की तैयारियों की समीक्षा की और इस बारे में भारत के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने पीआईएसए परीक्षा के लिए भारत के उत्साह और कड़ी मेहनत के बारे में प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने मंत्रालय की विभिन्न पहलों और सीबीएसई द्वारा परीक्षा प्रणाली में सुधार शुरू करने तथा योग्यता आधारित शिक्षा की ओर कदम बढ़ाने के बारे में संतोष व्यक्त किया।
उन्होंने पीआईएसए प्रतियोगिता की तैयारियों में ओईसीडी की सहायता उपलब्ध कराने का वायदा किया। उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षा के विकास के लिए बहुत अच्छा माहौल है और सभी संबंधित हितधारक इस दिशा में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में आमागी पीआईएसए 2021 परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने की बड़ी अच्छी क्षमता है।
बैठक के दौरान श्री एंड्रियास श्लेचर ने बताया कि किसी भी देश में शिक्षा की बेहतरी के लिए अध्यापक, अभिभावक और मीडिया को अधिक जागरूक और जवाबदेह होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये तीन समूह किसी भी देश में शिक्षा के परिदृश्य को बदल सकते हैं। उन्होंने अध्यापकों के लिए प्रशिक्षण और विशेष उपकरण उपलब्ध कराने में मदद करने का भी प्रस्ताव किया। इससे अध्यापकों की गुणवत्ता बढ़ सकती है। उन्होंने पीआईसीए परीक्षा की पूरी प्रक्रिया समझने के लिए पेरिस में एक दल भेजने का प्रस्ताव किया और उस टीम को ओईसीडी की सहायता उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया। पीआईएसए परीक्षा के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हमें परीक्षाओं की पुरानी प्रणालियों को बदलने की जरूरत है। हमें रटी-रटाई शिक्षा को बढ़ावा देने से बचना चाहिए तथा विशेष रूप से गणित और विज्ञान की परीक्षाओं में अधिक प्रयोगात्मक प्रश्न पूछे जाने की जरूरत है।
श्री निशंक ने श्री एंड्रियास श्लेचर का स्वागत किया और उन्हें भारत की यात्रा के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पीआईएसए 2021 परीक्षा के लिए भारत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और भारत अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति और केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ इस परीक्षा में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत विश्व की लगभग 18 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए भारत के बिना कोई भी वैश्विक लक्ष्य अर्जित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा भारतीय प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। हमारे छात्रों में योग्यता, अनुशासन और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जरूरत इस बात की है कि उन्हें सही दिशा और मार्गदर्शन मिले। उन्होंने पीआईएसए की तैयारियों के लिए ओईसीडी की सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने पीआईएसए के निदेशक से यह अनुरोध किया कि परीक्षा को द्विभाषिक बनाया जाये, ताकि अन्य देशों के प्रतिभागी भी विश्व स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
श्री निशंक ने कहा कि पीआईएसए परीक्षा अब बहुत दूर नहीं है, इसलिए इसकी तैयारियां युद्ध स्तर पर की जानी चाहिए। उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीआईएसए तैयारियों की बेहतर निगरानी के लिए उच्च स्तर पर समय-समय पर समीक्षा की जाये ताकि भारत इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सके।
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