श्री पोखरियाल ने उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा की। इन कदमों में स्टडी इन इंडिया, ग्लोबल इनिसिएटिव फॉर एकेडेमिक नेटवर्क (जीआईएएन) तथा अकादमिक शोध सहयोग प्रोत्साहन योजना (एसपीएआरसी) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एसपीएआरसी में शामिल होने वाले 28 देशों में कनाडा एक है और भारत तथा कनाडा के संस्थानों के बीच 19 और संयुक्त शोध प्रस्ताव हैं। जीआईएएन के अंतर्गत कनाडा के संस्थानों के 90 फैकल्टी सदस्य भारतीय संस्थानों में पढ़ाने के लिए आए हैं। श्री पोखरियाल ने कनाडा के विद्यार्थियों को योग, आयुर्वेद, हिन्दी, संस्कृत तथा अन्य भारतीय भाषाएं और विभिन्न भारतीय शिक्षण संस्थानों में विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी के साथ-साथ भारतीय दर्शन की पढ़ाई के लिए भारत आने का आमंत्रण दिया। उन्होंने 1968 में भारत सरकार और कनाडा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से बनाए गए संगठन-शास्त्री भारत कनाडा संस्थान (एसआईसीआई) द्वारा दोनों देशों के बीच अकादमिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की चर्चा की।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि हमे एक ऐसी प्रणाली बनानी चाहिए, जिसमें कनाडा और भारत की शीर्ष कंपनियां अपने-अपने देशों में विद्यार्थियों को इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करें। उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा दोनों देशों में अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियां शानदार काम कर रही हैं। उन्होंने कनाडा में भारतीय प्रतिष्ठानों के साथ सहयोग अनुसंधान प्रोत्साहित करने पर बल देते हुए कहा कि नैनो टेक्नोलॉजी, हरित ऊर्जा, पारिस्थितिकी तथा औषधि के क्षेत्र में अच्छे कार्य हो रहे हैं। श्री पोखरियाल ने कहा कि हमें दोनों देशों के बीच विद्यार्थियों के आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।
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