Saturday, February 8, 2020

कर्नाटक के बीदर हवाई अड्डे पर व्‍यावसायिक उड़ान शुरू

कर्नाटक में कालबुर्गी हवाई अड्डे से उड़ान के सफलतापूर्वक शुरू होने के बाद, नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) ने आज बीदर हवाई अड्डे से बेंगलुरु के लिए पहली सीधी उड़ान को रवाना किया। क्षेत्रीय संपर्क योजना- उड़े देश का आम नागरिक (आरसीएस-उड़ान) के अंतर्गत इस हवाई अड्डे को फिर से तैयार किया गया था और इसे 11 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया गया जिसका खर्च राज्‍य सरकार ने केंद्र सरकार की मदद से उठाया। ट्रूजेट रोजाना बेंगलुरु- बीदर मार्ग पर संचालन करेगा। कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री श्री बी.एस.येदीयुरप्‍पा, नागर विमानन सचिव श्री प्रदीप सिंह खरोला और बीदर के सांसद श्री भगवंत खूबा ने बीदर हवाई अड्डे पर इस उड़ान का उद्घाटन किया।


श्री खरोला ने कहा कि नवनिर्मित हवाई अड्डा भारत में पर्याप्‍त हवाई संपर्क स्‍थापित करने की नागर विमान मंत्रालय की प्रतिबद्धता और दृढ़ता का प्रतीक है। कर्नाटक सरकार और भारतीय वायु सेना के सहयोग की सराहना करते हुए उड़ान की प्रभारी संयुक्‍त सचिव श्रीमती उषा पाधी ने 250वां मार्ग शुरू करके उड़ान के अंतर्गत हाल ही में हासिल सफलता की जानकारी दी। बेंगलुरु-बीदर मार्ग के उद्घाटन के साथ एमओसीए इस योजना के अंतर्गत 252 मार्गों और 45 हवाई अड्डों को सफलतापूर्वक परिचालन में ला चुका है।


बीदर हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ कर्नाटक में 8वें हवाई अड्डे का परिचालन शुरू हुआ है। एमओसीए ने बीदर के वायु सैनिक  अड्डे को व्‍यावसायिक विमानन उद्देश्‍य के लिए नये सिरे से तैयार करने का काम हाथ में लिया था, क्‍योंकि बीदर के लोगों को हर प्रकार के प्रशासनिक कार्य के लिए अक्सर बेंगलुरु जाना पड़ता था और उन्‍हें ट्रेन अथवा बस से 11 घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी। बीदर हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ लोग अब बेंगलुरु और देश के अन्‍य भागों में आसानी से पहुंच सकेंगे।






























ट्रूजेट बेंगलुरु-बीदर-बेंगलुरु उड़ान समय-सारणी



उड़ान



प्रारंभ करने का स्‍थान



रवाना होने का समय



निर्धारित स्‍थल



आगमन समय



2T 625



बेंगलुरु



11:40



बीदर



13:05



2T 626



बीदर



13:35



बेंगलुरु



15:15



                         


 


 


 



 


 


 


कर्नाटक का बीदर क्षेत्र बीदरी उत्‍पादों के लिए मशहूर है, यह एक प्राचीन धातु हस्‍तशिल्‍प है जिसमें फारसी, अरबी और स्‍थानीय हस्‍तशिल्‍प का मिश्रण देखने को मिलता है जो बीदर की समृद्ध विरासत और संस्‍कृति का गवाह है। गुरुद्वारा नानक झीरा सहिब होने के कारण बीदर का सिख धर्म से काफी पुराना जुड़ाव रहा है जो देश के सिख श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक स्‍थलों में से एक है। इस शहर में पर्यटकों को देखने के लिए बीदर का किला और महल जैसे रंगीन महल, तरकश महल,गगन महल , तख्‍त महल है। इसके अलावा यह स्‍थान 16 खम्‍बा मस्जिद के लिए जाना जाता है जो जनाना मस्जिद के नाम से मशहूर है। 



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