Friday, February 21, 2020

जिला कौशल समितियां मांग आधारित कौशल विकास पहलों को नई गति देने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करेंगी



  • कौशल विकास से जुड़े कार्यों में राज्‍यों की भूमिका काफी बढा़ई जाएगी।

  • कौशल पहल के बेहतर कार्यान्वयन और भारत के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने हेतु एक कार्य योजना विकसित करने पर चर्चा

  • राज्य कौशल विकास मिशनों (एसएसडीएम) से परामर्श कर आईटीआई में अल्‍पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

  • समग्र आर्थिक विकास और नवाचार के लिए स्व-रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देना


कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ, भौगोलिक और खंडों में कौशल विकास की समीक्षा करने और आगामी पहलों को कारगर बनाने के लिए अपने बहुमूल्य सुझावों के लिए आज यहां एक दिवसीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक जिले में कौशल प्रयासों के बेहतर समन्वय के लिए जिला समितियों की भागीदारी को बढ़ाना और भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के व्यापक उद्देश्यों को प्राप्त करना था।


कार्यशाला के दौरान, विजन 2025 पर भी चर्चा की गई, जो देश में कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख फोकस क्षेत्रों और तैयार-टू-कार्यान्वयन रोडमैप को तैयार करता है।


कार्यशाला के दौरान, विजन 2025 पर भी चर्चा की गई, जिसमें देश में कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख क्षेत्रों और कार्यान्वयन के लिए तैयार रोडमैप का उल्‍लेख किया गया है।


आज की कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य कौशल को आकांक्षात्मक बनाकर युवाओं की वास्तविक क्षमता को बाहर लाना था और उनके लिए स्थायी आजीविका का निर्माण करना था। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के प्रतिनिधियों ने कौशल भारत मिशन के विभिन्न पहलुओं पर अपने क्षेत्रीय दृष्टिकोण को साझा किया, जिसमें प्रशिक्षुता, दीर्घकालिक कौशल; संकल्प और कड़ी पहल; उद्यमिता, कम समय के लिए कौशल और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), पीएमकेवीवाई 3.0 और संबंधित चुनौतियों और अवसरों के अगले चरण शामिल हैं।


केंद्र ने यह प्रस्तावित किया कि पीएमकेवीवाई के अगले चरण के तहत कौशल प्रशिक्षण की कड़ी निगरानी और मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए जिला कौशल समितियों (डीएससी) को पर्याप्त निधि आवंटन के साथ सशक्त बनाया जाना चाहिए।


इसके लिए, एमएसडीई ने हाल ही में महात्मा गांधी नेशनल फेलोशिप (एमजीएनएफ) की शुरुआत की है, जो राज्य कौशल विकास मिशनों (एसएसडीएम) के सहयोग से भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) बैंगलोर द्वारा तैयार और कार्यान्वित किया गया है, जिसके तहत विशिष्ट राज्य कौशल विकास योजनाएँ बनाने हेतु जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करने के लिए अध्‍येता (फेलो) को जिले में दो वर्षों के लिए तैनात किया जाएगा। पहले से आवंटित राज्य प्रोत्साहन अनुदान से परे, प्रासंगिक स्थानीय और राज्य स्तर के कार्यक्रमों को एमएसडीई की ‘संकल्प’ योजना के तहत अतिरिक्त धन प्राप्त होगा।


कार्यशाला में अंतिम समय तक भी जुड़ने वालों के लिए ग्राम पंचायतों की योजनाओं में कौशल विकास के एकीकरण पर भी विचार-विमर्श किया गया।


कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कौशल विकास के पैमाने और मानकों को बढ़ाने के लिए राज्यों से आग्रह करते हुए कहा, “हमारा प्रयास कम कौशल को संतुलन से दूर करना और कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए आर्थिक विकास तथा धन सृजन में योगदान करना है। यह अंततः राष्ट्र के युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाएगा। ‘स्किल इंडिया’ की सफलता राज्यों और जिला समितियों की बढ़ी हुई भागीदारी पर निर्भर है जो बाजार से संबंधित पाठ्यक्रमों में मांग-संचालित कौशल विकास को चलाने के लिए और हमारे युवाओं को उद्योग जगत के लिए तैयार करती है।”


विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री आर के सिंह  ने कहा, “स्थानीय स्तर पर कौशल विकास पर निरंतर अनुसंधान और विश्लेषण होना चाहिए, ताकि हमारी रणनीति बाजार की मांग और युवाओं की आकांक्षा के अनुरूप हो। हमें उद्योग सर्वेक्षणों को परिणाम आधारित कौशल को सक्षम करने के लिए सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।”  


एमएसडीई ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के उन्नयन और उद्योग जगत के दिग्गजों से अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करके उद्योग के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ तालमेल हेतु राज्यों को अपने समर्थन का आश्वासन दिया। प्रारंभ में, एमएसडीई इन संस्थानों की ग्रेडिंग के आधार पर शीर्ष 500 आईटीआई पर ध्यान केंद्रित करेगा, और आईटीआई में कम समयावधि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए मौजूदा क्षमता का भी निर्धारण करेगा। एमएसडीई ने प्रशिक्षुताओं के प्रशिक्षण को बेहतर और व्यापक बनाने के लिए 100 औद्योगिक समूहों की पहचान की है। इनमें से, ग्यारह समूहों के साथ पहले ही समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।


देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रालय ने प्रत्येक राज्य में उद्यमिता विकास इकाई बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे राज्य कौशल मिशन के साथ चलाया जाएगा। इसने मौजूदा स्किलिंग संस्थानों में जिला उद्यमिता इन्‍क्‍यूबेशन लैब के माध्यम से मौजूदा और नए उद्यमियों का मार्गदर्शन करने एवं उन्‍हें आवश्‍यक सहयोग देने का भी प्रस्ताव किया है।



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